Vikrant Shekhawat : Mar 17, 2023, 08:24 PM
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने बालोतरा कस्बे को जिला बनाने की घोषणा कर दी है। बालोतरा को राजस्थान का औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है, क्योंकि बालोतरा से कपड़ा पूरे देश में सप्लाई होता है। क्योंकि बालोतरा में पोपलीन नाईटी का सबसे बड़ा कारोबार बालोतरा में होता है। वहीं, दूसरी तरफ एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी बालोतरा क्षेत्र के पचपदरा में निर्माणाधीन है। इसकी वजह से देशभर के लोग रोजगार की वजह से यहां आकर बस गए हैं। रिफाइनरी निर्माणाधीन कपड़ा उद्योग समेत प्रमुख इंडस्ट्रियल एरिया होने अपराध ज्यादा होने समेत बाड़मेर को दो भागों में बांटने की मांग के बीच बालोतरा मजबूत दावेदार थी।1984 में सबसे पहले जिला बनाने की मांग उठीबालोतरा जिला बनाने को लेकर 1984 में बालोतरा जिला बनाओ संघर्ष समिति बनी तब से बालोतरा जिला बनाने को लेकर नेता पक्ष विपक्ष कयास लगा रहे थे। तभी से 40 सालों से बालोतरा जिला बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को लेकर विधानसभा में भी स्थानीय विधायकों तथा आसपास के विधानसभा क्षेत्र के विधायकों ने भी मांग उठाई थी। उसके बाद सरकारों द्वारा कहीं कमेटी भी गठित की गई पर बस अभी कमेटियां धरी की धरी रह गई।दरअसल, क्षेत्रफल की दृष्टि से बालोतरा बहुत बड़ा है। भौगोलिक विषम परिस्थिति मरुस्थलीय क्षेत्र 19000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र तथा कल्याणपुर डोली सहित आसपास के गांवों को जिला मुख्यालय के लिए 200 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। संसाधनों की कमी के कारण राहगीरों को तथा आमजन को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।ऐसा हो सकता है नया जिलाबालोतरा में 4 विधानसभा, 3 उपखंड और 7 पंचायत समितियां शामिल हो सकती हैं और 970760 के करीब जनसंख्या हो सकती है।ये क्षेत्र हो सकते हैं शामिलक्र. क्षेत्र आबादी1 बालोतरा 2506552 ल्याणपुर 976333 सिवाना 1693804 समदडी 1031805 सिणधरी 1491116 गिड़ा 1189307 बायतु(आंशिक) 81871जिला बनाने का प्रमुख कारणबालोतरा जिला ऐसे में बाड़मेर जिले को दो भागों में विभक्त कर बालोतरा को अलग से जिला बनाना अति आवश्यक हो गया है। जानकार बताते हैं कि तहसील क्षेत्र पचपदरा, सिवाना, गुड़ामालानी सिणधरी उप तहसील के गांवों को मिलाकर बालोतरा को अलग से जिला बनाया जा सकता है। बालोतरा जिला बनाने के सभी मापदंड, आवश्यकताएं आधार पूरे करता है। बाड़मेर जिला मुख्यालय तक जाने के लिए कल्याणपुर डोली अराबा शिवाना सहित आसपास के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 200 से 200 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है तथा संसाधनों का अभाव तथा शिक्षा का अभाव, आर्थिक कष्ट होने के कारण इसी समय में समस्या उठानी पड़ती है इसको लेकर भी बालोतरा जिला बनाने की प्रमुख रूप से मांग की गई है।बालोतरा जिला बनाने को लेकर चला लंबा संघर्षबालोतरा जिला निर्माण एवं विकास समिति की ओर से बालोतरा को जिला बनाने के लिए लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। कई बार धरने दिए गए, प्रदर्शन किए गए, जन आंदोलन किए गए हैं। इस मांग को लेकर साढ़े पांच हजार स्कूली बच्चों के साथ बड़ी रैली निकाली गई, चार सौ थ्री व्हीलर ऑटो टैक्सियों से प्रदर्शन किया गया कि सरकार तक हमारी वाजिब मांग की आवाज पहुंचे। जब प्रतापगढ़ जैसे छोटे क्षेत्र को जिला बना दिया गया तो हमारी दावेदारी को सबसे मजबूत है। - मेवाराम मेहता, संयोजक, बालोतरा जिला निर्माण एवं विकास समितिवर्तमान में स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय बाड़मेर से बालोतरा उपखंड के कई गांवों की दूरी 160 से 180 किलोमीटर तक है। ऐसे में जिला मुख्यालय संबंधी कार्य होने पर इन गांवों के लोगों को आने-जाने के लिए दो से तीन जगह पर यातायात के साधन बदलने पड़ते हैं। चार से पांच घंटे जिला मुख्यालय तक पहुंचने में लग जाते हैं। देर से पहुंचते हैं तो कार्यालय बंद हो जाते हैं, ऐसे में वहां रात को ठहरना मजबूरी बन जाता है। दूसरे दिन भी यदि संबंधित अधिकारी नहीं मिलते तो फरियादी की परेशान हो जाते हैं। बालोतरा जिला बने तो हर व्यक्ति कम समय कम खर्च में कार्य के लिए जिला मुख्यालय आ-जा सकता हैयहां हर सुविधा है उपलब्धजिलामुख्यालय के लिए आवश्यक हर सुविधा बालोतरा में उपलब्ध है। बालोतरा जहां रेल बस सेवा से सीधा जुड़ा हुआ है। वहीं बिजली, पानी, चिकित्सा, महाविद्यालय स्तर की शिक्षा, कृषि उपज मंडी, नगरपरिषद, अनेक बैंक, जिला एवं सेशन स्तर तक के सभी न्यायालय, राज्य एवं केंद्र सरकार के करीब सभी कार्यालय, पंचायत समिति, जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय, अतिरिक्त पुलिस,अधीक्षक,अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय आदि यहां मौजूद है। इसके अलावा बालोतरा जसोल बड़े औद्योगिक क्षेत्र है। यहां प्रचुर मात्रा में ग्रेनाइट, सोडियम, सैलेनाइट नमक की खदानें भी हैं। काफी क्षेत्र में दो फसली खेती होती है।जनसंख्या में भी हुए 25 लाखक्षेत्रफलमें तो बाड़मेर जिला बड़ा है ही, जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो भी जिले में काफी बढ़ गई है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार बाड़मेर जिले की जनसंख्या करीब 20 लाख थी, जो अब बढ़कर 25 लाख से ऊपर हो गई है। ऐसे में बाड़मेर जिले को दो भागों में विभक्त कर बालोतरा को अलग से जिला बनाना अति आवश्यक हो गया था। जानकार बताते हैं कि तहसील क्षेत्र पचपदरा, सिवाना, गुड़ामालानी सिणधरी उप तहसील के गांवों को मिलाकर बालोतरा को अलग से जिला बनाया जा सकता है। बालोतरा जिला बनाने के सभी मापदंड, आवश्यकताएं आधार पूरे करता है।