Vikrant Shekhawat : Apr 25, 2022, 12:13 PM
सरदारशहर | आचार्य महाश्रमण रविवार काे जयसंगसर से संध्याकालीन विहार कर हरपालसर गांव पहुंचे। इस अवसर पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठाैड़ ने आचार्य के दर्शन किए। इससे पहले राठौड़ ने अपने पैतृक गांव की सीमा पर सैकड़ों ग्रामीणों के साथ आचार्य का अभिनंदन किया। आचार्य महाश्रमण ने हरपालसर में ही रात्रि विश्राम किया।
आज आचार्य महाश्रमण पहुंचे सरदारशहर
सरदारशहर तेरापंथ धर्मसंघ के अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण रविवार काे अपनी धवल सेना के साथ मेलूसर से विहार कर जयसंगसर पहुंचे। इस अवसर पर ग्रामीणों व श्रावक समाज ने उनका अभिनंदन किया। इसके बाद गांव राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में आचार्य का प्रवचन कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम काे संबाेधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि दुनिया में जय और पराजय की बात होती है। राजतंत्र था तो पहले राजा पेट से आते थे और अब लोकतंत्र में जनता के वोटों से बंद पेटी से आते हैं। चुनाव में भी जय-पराजय की बात होती है। अध्यात्म जगत में भी जय-पराजय की बात आती है। ऐसे में अपनी चेतना पर विजय प्राप्त करने के लिए माेह का त्याग करना पड़ता है। यदि सही दिशा और सही पुरुषार्थ न हो तो परिणाम प्राप्त नहीं किया जा सकता। आचार्य ने कहा कि मानव जीवन को मुक्ति का द्वार कहा गया है। इसलिए आदमी अहिंसा, संयम के साथ धर्म-साधना आदि के माध्यम से विश्व का कल्याण कर सकता है। कार्यक्रम में आचार्य ने ग्रामीणाें काे नशे से दूर रहने का भी संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में साध्वी पावनप्रभा आदि ने मंगलपाठ सुनाए। पुरुषोत्तम जैसनसरिया, जगदीश जैसनसरिया, पूर्व सरपंच केसरमल सारण, भंवरलाल नखत, पूर्व प्रधान ताराचंद सारण, प्रधानाचार्य मेघदान चारण ने अपनी अभिव्यक्ति दी। आचार्य महाश्रमण साेमवार सुबह हरपालसर विहार कर सरदारशहर में मंगल प्रवेश करेंगे।
आज आचार्य महाश्रमण पहुंचे सरदारशहर
सरदारशहर तेरापंथ धर्मसंघ के अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण रविवार काे अपनी धवल सेना के साथ मेलूसर से विहार कर जयसंगसर पहुंचे। इस अवसर पर ग्रामीणों व श्रावक समाज ने उनका अभिनंदन किया। इसके बाद गांव राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में आचार्य का प्रवचन कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम काे संबाेधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि दुनिया में जय और पराजय की बात होती है। राजतंत्र था तो पहले राजा पेट से आते थे और अब लोकतंत्र में जनता के वोटों से बंद पेटी से आते हैं। चुनाव में भी जय-पराजय की बात होती है। अध्यात्म जगत में भी जय-पराजय की बात आती है। ऐसे में अपनी चेतना पर विजय प्राप्त करने के लिए माेह का त्याग करना पड़ता है। यदि सही दिशा और सही पुरुषार्थ न हो तो परिणाम प्राप्त नहीं किया जा सकता। आचार्य ने कहा कि मानव जीवन को मुक्ति का द्वार कहा गया है। इसलिए आदमी अहिंसा, संयम के साथ धर्म-साधना आदि के माध्यम से विश्व का कल्याण कर सकता है। कार्यक्रम में आचार्य ने ग्रामीणाें काे नशे से दूर रहने का भी संकल्प दिलाया। कार्यक्रम में साध्वी पावनप्रभा आदि ने मंगलपाठ सुनाए। पुरुषोत्तम जैसनसरिया, जगदीश जैसनसरिया, पूर्व सरपंच केसरमल सारण, भंवरलाल नखत, पूर्व प्रधान ताराचंद सारण, प्रधानाचार्य मेघदान चारण ने अपनी अभिव्यक्ति दी। आचार्य महाश्रमण साेमवार सुबह हरपालसर विहार कर सरदारशहर में मंगल प्रवेश करेंगे।