Vikrant Shekhawat : Nov 24, 2021, 06:20 PM
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह बीजेपी में शामिल हो गई हैं. अदिति काफी दिनों से पार्टी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रही थीं और अब उनके बीजेपी में जाने से कांग्रेस को रायबरेली में नुकसान होने की आशंका है. अदिति के अलावा बसपा विधायक वंदना सिंह ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है.कांग्रेस से की खुली बगावतबीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में अदिति समते दो विधायकों ने पार्टी की सदस्यता ली है. इससे पहले बागी तेवर दिखाते हुए अदिति खुले तौर पर कई मौकों पर बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर चुकी हैं. इसके अलावा वह कांग्रेस पार्टी समेत सोनिया गांधी से लेकर प्रियंका गांधी पर निशाना भी साध चुकी हैं.हाल ही में उन्होंने प्रियंका गांधी के 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने पर कहा था कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, पहले वहां इसका ऐलान क्यों नहीं किया. अब यूपी में वोट बंटोरने के लिए लुभावने वादे कर रही हैं. अदिति ने कहा था कि यूपी में कांग्रेस का जनाधार कई छोटे दलों से भी कम है. कांग्रेस के किले में दरार!रायबरेली सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है और फिलहाल यहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं. अदिति सिंह के पिता और रायबरेली सदर से पांच बार विधायक रह चुके अखिलेश सिंह का इलाके में अच्छा प्रभाव रहा है. ऐसे में अदिति सिंह के बीजेपी जॉइन करने से कांग्रेस के लिए यहां बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाने वाला अमेठी पहले ही बीजेपी का किला बन चुका है, जहां से बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को 2019 के लोक सभा चुनाव में शिकस्त दी थी. ऐसे में यूपी की रायबरेली सीट को कांग्रेस का आखिरी किला कहा जा सकता है.कौन हैं अदिति सिंह?अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर 2017 का यूपी विधान सभा चुनाव जीता था और वह रायबरेली सदन सीट से विधायक चुनी गई थीं. लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी से उनकी नाराजगी बढ़ती चली गई और वह रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी से खुलकर नाराजगी जाहिर करने लगीं. इसके बाद उन्होंने कई मौकों पर कांग्रेस और पार्टी हाई कमान के खिलाफ बयानबाजी भी की. इसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था. हालांकि उनका बगावती रुख और भी मुखर होता जा रहा था.