Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2023, 05:59 PM
BJP And RSS: कर्नाटक में करारी हार के बाद बीजेपी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने ‘आत्ममंथन’ करने की नसीहत दी है. संघ ने अपने मुख्य पत्र ऑर्गेनाइजर में कहा है कि जीत के लिए हर जगह सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व ही काफी नहीं है. आसएसएस ने बीजेपी के मिशन 2024 को देखते हुए यह सलाह दी है. आसएसएस ने इस दौरान पार्टी को स्पष्ट किया है कि बिना मजबूत जनाधार और क्षेत्रीय लीडरशिप के चुनाव जीतना आसान नहीं है.दरअसल बीजेपी ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व पर ही जोर दिया था. कर्नाटक चुनाव में इस तरह के कई मुद्दे उठाए गए जो कि सीधे तौर पर हिंदुत्व से जुड़े हुए थे. बीजेपी इन मुद्दों की दम पर एकतरफा जीत दर्ज करने का दम भर रही थी. हालांकि जनता ने पार्टी को उल्टे मुंह पटखनी दी और कांग्रेस को जीत का ताज पहना दिया. यह कांग्रेस के लिए न सही पर बीजेपी के लिए निश्चित तौर पर एक बड़ा झटका था.राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा और हिंदुत्सव के विचार सभी जगहों पर चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं हैं. इस आर्टिकल में लिखा गया है कि आइडियोलॉजी और केंद्रीय नेतृत्व बीजेपी के लिए हमेशा सकारात्मक पहलू हो सकते हैं लेकिन जनता के मन को भी पार्टी को समझना होगा. संघ ने लिखा कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में केंद्र के मुद्दों को लाने का प्रयास किया. लेकिन, कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को नहीं छोड़ा और यही उनके जीत की वजह रही है.संघ ने बीजेपी की उस स्ट्रेटेजी पर भी सवाल उठाए हैं जिसमें पार्टी ने जातीय मुद्दों के जरिए वोट को मोबिलाइज करने का प्रयास किया. संघ ने कहा है कि पार्टी ने यह कोशिश उस राज्य में की है जो कि टेक्नोलॉजी का हव है. इस पर संघ ने चिंता जाहिर की है. बता दें कि जब से केंद्र में पीएम मोदी सरकार आई है यानी 2014 के बाद से पहली बार किसी राज्य के चुनाव में बीजेपी करप्शन के मुद्दे पर बचाव करते हुए दिखाई दी है. इतना ही नहीं यह भी पहली बार हुआ है जब संघ ने बीजेपी को चुनावों को लेकर नसीहत दी है. दरअसल संघ के मुख्य पत्र ऑर्गेनाइजर के एडिटर प्रफुल्ल केतकर ने 23 मई के एडिटोरियल में ये बातें लिखी हैं.