चित्तौड़गढ़ पंचायत चुनाव / सरपंच चुनाव रिजल्ट | प​हला चरण में चित्तौड़गढ़ जिले का परिणाम

गांव का मुखिया यानी सरपंच और वार्ड पंच चुनने के लिए ग्रामीण मतदाताओं और उम्मीदवारों के समर्थकों का उत्साह देखते ही बनता था। सुबह आठ बजे बूथ खुलने से लेकर शाम पांच बजे बाद के सर्द मौसम में भी कहीं बूथ सूने नजर नहीं आए। कई जगह पुरुषों से अधिक लंबी महिलाओं की लाइन थी। जिलेभर से मिली सूचना के अनुसार अधिकांश जगह शाम पांच बजे से सात बजे तक भी वोटिंग चलती रही।

चित्तौड़गढ़ | गांव का मुखिया यानी सरपंच और वार्ड पंच चुनने के लिए ग्रामीण मतदाताओं और उम्मीदवारों के समर्थकों का उत्साह देखते ही बनता था। सुबह आठ बजे बूथ खुलने से लेकर शाम पांच बजे बाद के सर्द मौसम में भी कहीं बूथ सूने नजर नहीं आए। कई जगह पुरुषों से अधिक लंबी महिलाओं की लाइन थी। जिलेभर से मिली सूचना के अनुसार अधिकांश जगह शाम पांच बजे से सात बजे तक भी वोटिंग चलती रही। मतदान केंद्रों के बाहर प्रत्याशी और उनके समर्थक अपने चुनाव चिन्हों का रोचक प्रदर्शन करते वोटर को लुभाने में जुटे रहे

कन्नोज व सुखवाड़ा से लेकर भदेसर, असावरामाता, गरदाना, निकुंभ, जरखाना तक हर जगह बूथों के बाहर मेले जैसा मंजर रहा। किसी ने गुब्बारे सजा रखे तो तो किसी ने गैस चूल्हे, ब्रश, अलमारी आदि लटका रखे थे। कहीं हाथ में बल्ले या कप प्लेट थे। कई जगह बच्चों की बल्लेबाजी टीम बनाकर खड़ी कर दी गई। पहली बार पंच-सरपंच चुनाव में लग्जरी वाहन भी खूब दौड़ते नजर आए। एक एक वोट को घर से निकाल लाने की होड मची रही। निर्वाचन आयोग द्वारा इस चुनाव में मतदान प्रतिशत बढाने के लिए न तो कोई स्वीप कार्यक्रम हुआ और न पर्ची बांटी गई। प्रत्याशी ही दस दिन में इतना जोर लगा चुके थे कि वोट प्रतिशत उछाले मारने लगा। प्रत्याशियों के साथ पूरे कुनबे उतर आए। टेंट में चाय नाश्ते और भोजन तक के लंगर लगे। पहली बार सरपंच चुनाव ईवीएम से लेकिन वार्ड पंच का चुनाव मतपत्र से ही हुआ। इस कारण भी मतदान में काफी समय लगा और शाम ढलने तक भी पूरा नहीं हो पाया।