पंचायत चुनाव: / राज्य निर्वाचन आयोग ने की 707 ग्राम पंचायतों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा, 15 मार्च को डाले जाएंगे वोट

राज्य निर्वाचन आयोग ने गत माह हुए पंचायत चुनाव के पहले चरण में सील बंदकर अभिरक्षा में रखे नामांकनों वाली 1109 ग्राम पंचायतों में से 707 ग्राम पंचायतों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इन पंचायतों में 15 मार्च को सुबह 8 से शाम 5:00 बजे तक मतदान होगा। सरपंच पद का चुनाव ईवीएम से होगा और पंच पद का चुनाव मतपत्र से कराया जाएगा। चुनाव के लिए 14 मार्च को मतदान दलों की रवानगी की जाएगी।

News18 : Feb 28, 2020, 05:46 PM
जयपुर। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने गत माह हुए पंचायत चुनाव (Panchayat elections) के पहले चरण में सील बंदकर अभिरक्षा में रखे नामांकनों वाली 1109 ग्राम पंचायतों में से 707 ग्राम पंचायतों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा (Announcement) कर दी है। इन पंचायतों में 15 मार्च को सुबह 8 से शाम 5:00 बजे तक मतदान (Voting) होगा। सरपंच पद का चुनाव ईवीएम से होगा और पंच पद का चुनाव मतपत्र से कराया जाएगा। चुनाव के लिए 14 मार्च को मतदान दलों की रवानगी की जाएगी। मतदान के तुरंत बाद उसी दिन मतगणना कराई जाएगी।

16 मार्च को उपसरपंच का चुनाव होगा

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश के अनुसार 707 ग्राम पंचायतों के चुनाव 15 मार्च को करवाए जाएंगे। मतदान सुबह 8 से शाम 5 बजे तक होगा। 16 मार्च को उपसरपंच का चुनाव होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को चुनाव की तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित ने जिला कलेक्टर्स को कानून एवं सुरक्षा के मद्देनजर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सख्त कदम उठाने को कहा हैं।

गत माह तीन चरणों में पंचायतों के चुनाव करवाए गए थे

उल्लेखनीय है कि गत माह प्रदेश में तीन चरणों में पंचायतों के चुनाव करवाए गए थे। उस दरम्यिान परिसीमन के मसले को लेकर कुछ पंचायतों के चुनाव कानूनी उलझनों में उलझ गए थे। इन पंचायतों में प्रत्याशियों ने नामांकन-पत्र भी दाखिल कर दिए थे, लेकिन बाद में कानूनी अड़चनों के चलते आयोग ने 1109 ग्राम पंचायतों के चुनाव रोक दिए थे।

प्रत्याशी भी अजीब हालात में फंसकर रह गए थे

इसके कारण नामांकन दाखिल कर चुके प्रत्याशी भी अजीब हालात में फंसकर रह गए थे। प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करने के बाद अपने चुनाव कार्यालय भी खोल दिए थे और प्रचार शुरू कर दिया था। लेकिन चुनावों पर आगामी आदेश तक रोक लग जाने से वो यह तय नहीं कर पा रहे थे कि चुनाव कार्यालय बंद कर प्रचार रोक दिया जाए या फिर उसे जारी रखा जाए।