Vikrant Shekhawat : Nov 08, 2023, 12:46 PM
Tesla in India: भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट तेजी से बदल रहा है, साथ ही ग्रोथ भी कर रहा है. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी भी अपने टोटल पोर्टफोलियो का 15% 2030 तक इलेक्ट्रिक करने वाली है. वहीं टाटा मोटर्स ने ईवी पर बड़ा निवेश किया है और अभी सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार टाटा की ही है. ऐसे में टेस्ला की भारत में एंट्री का क्या असर होगा? कैसे ये देश के पूरे ईवी कार मार्केट को बदल देगी?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला भारत में निवेश करने के लिए राजी हो गई है. बीते कुछ महीनों में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर अन्य सरकारी विभागों के साथ टेस्ला के अधिकारियों की मीटिंग हुई है. कंपनी के मालिक एलन मस्क ने खुद पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान मुलाकात की थी. अब उम्मीद है कि टेस्ला अगले साल भारत में एंट्री करेगी, शुरुआत में कंपनी टेस्ला की कारों को फुली बिल्ट रूप में यहां लेकर आएगी.लंबी चली टैक्स कम करने की लड़ाईटेस्ला भारत में निवेश करने से पहले मार्केट टेस्टिंग चाहती थी. उसने 2021 में भारत में एंट्री करने का मन बनाया और सरकार से इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक कार पर आयात शुल्क कम करने की मांग रखी. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया कि मैन्यूफैक्चरिंग के बिना टैक्स छूट नहीं मिलेगी. इस तरह ये बातचीत टूट गई.भारत को जहां टेस्ला के निवेश से रोजगार सृजन की उम्मीद है, वहीं टेस्ला का भारत में एंट्री करना एक मजबूरी भी है. पश्चिमी देशों में जहां महंगाई और आर्थिक मंदी की वजह से उसकी सेल गिर रही है, वहीं चीन जैसे बड़े मार्केट में टेस्ला को लोकल कंपनियों के साथ कॉम्पटीशन का सामना करना पड़ रहा है. इसके उलट ईवी के मामले में भारत उभरता बाजार है.Tata, Ola, TVS सब परेशानटेस्ला के लिए इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का सबसे ज्यादा विरोध भारत में पहले से इलेक्ट्रिक व्हीकल बना रही Tata, Ola और TVS जैसी कंपनियों ने किया था. ईटी की खबर के मुताबिक उनका कहना था कि टेस्ला को ये छूट देने से उसकी गाड़ियां सस्ती होंगी. वहीं ये कई और विदेशी इलेक्ट्रिक कार कंपनी जैसे कि VinFast के लिए भारत का रास्ता खोल देगा. इससे घरेलू कंपनियों ने देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पॉपुलर बनाने में जो मेहनत की है, उसके लिए जो निवेश किया है. उसे नुकसान पहुंचेगा.हालांकि सरकार ने घरेलू कंपनियों को सब्सिडी और अन्य लाभ देकर उनके लिए परिस्थितियों को सामान्य रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन बात यहीं नहीं खत्म होती. टेस्ला की योजना है कि वह भारत के मार्केट को देखते हुए 24000 डॉलर करीब 20 लाख रुपए तक की टेस्ला इलेक्ट्रिक कार भारत में बेचे. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ईवी पहुंचाने में मदद मिलेगी.टेस्ला हमेशा से अच्छी क्वालिटी और नई टेक्नोलॉजी वाली कार देने का दावा करता है, ऐसे में निश्चित तौर पर उसकी एंट्री से घरेलू कंपनियों के लिए कॉम्पिटिशन बढ़ जाएगा. ये ना सिर्फ 4-व्हीलर्स, बल्कि पूरे ईवी सेगमेंट की सप्लाई चेन को प्रभावित करेगा.