Rajasthan / ठेले पर पड़ी मिली नवजात की हालत में हो रहा सुधार, नर्स दे रहीं कंगारू थेरेपी

राजस्थान के झुंझुनूं में मिली लावारिस नवजात की हालत हर दिन सुधार हो रहा है। कई दिनों से नवजात के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव के बाद अब स्थिरता आ गई है। आठ फरवरी को बच्ची को कोई शहर में एक नंबर रोड पर एक ठेले पर छोड़ गया था। किसी की नजर पड़ी तो उसे बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया। सर्दी में ठेले पर पड़े रहने के कारण उसे कई गंभीर बीमारियां हो गईं थी।

Vikrant Shekhawat : Feb 19, 2022, 12:08 PM
राजस्थान के झुंझुनूं में मिली लावारिस नवजात की हालत हर दिन सुधार हो रहा है। कई दिनों से नवजात के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव के बाद अब स्थिरता आ गई है। आठ फरवरी को बच्ची को कोई शहर में एक नंबर रोड पर एक ठेले पर छोड़ गया था। किसी की नजर पड़ी तो उसे बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया। सर्दी में ठेले पर पड़े रहने के कारण उसे कई गंभीर बीमारियां हो गईं थी।

रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि बच्ची के स्वास्थ्य लगातार नजर रखी जा रही है। हृदय गति, सांस दर, तापमान, यूरिन और वजन बढ़ोतरी आदि की निरंतर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कम वजन और समय से पहले पैदा होने के कारण बच्ची अभी मां का दूध नहीं पी पा रही है। अभी उसे ओजी ट्यूब से दूध दिया जा रहा है। बच्ची को कंगारू मदर थेरेपी नर्सिंग स्टाफ द्वारा दी जा रही है। डॉ. भाबू ने बताया कि बच्ची को दूध पिलाने के लिए कई माताओं ने इच्छा जताई है। कुछ माताओं ने बच्ची के लिए दूध निकालकर बीडीके अस्पताल के स्तनपान केंद्र में डोनेट किया है।  

इन कारणों ज्यादा खराब हुई बच्ची की हालत

  • कोल्ड स्ट्रेस से बच्ची के संग्रहित उर्जा खत्म हो गई थी।
  • शुगर का लेवल न्यूनतम स्तर पर आ गया था।
  • फेफड़े कमजोर थे।
  • बीच-बीच में सांस रुक रही थी।
  • वजन बहुत कम था।
  • समय से पहले पैदा होना।
  • पिलिया हो जाना
ये सुधार जरूरी 

  • बच्ची के तापमान की निरंतर स्थिरता बनाए रखना।
  • नली की बजाय कटोरी-चम्मच से दूध पीने की क्षमता विकसित होना।
  • वजन का लगातार बढ़ना। 
  • ऑक्सीजन की निर्भरता पूरी तरह खत्म होना।
  • संक्रमण से बचाना।