Donald Trump News / जज ने निकाल दी इन मुद्दों पर ट्रंप की हेकड़ी! पलट दिया आदेश

सीएटल के फेडरल जज लॉरेन किंग ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिसमें ट्रांसजेंडर युवाओं के लिए जेंडर-अफर्मिंग देखभाल देने वाली संस्थाओं की फंडिंग में कटौती का प्रस्ताव था। इस फैसले से ट्रांसजेंडर युवाओं की चिकित्सा देखभाल को लेकर एक महत्वपूर्ण राहत मिली है।

Donald Trump News: सीएटल के एक फेडरल जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने ट्रांसजेंडर युवाओं के लिए जेंडर-अफर्मिंग देखभाल प्रदान करने वाले संस्थानों की फेडरल फंडिंग में कटौती करने का प्रस्ताव रखा था।

कोर्ट का हस्तक्षेप

यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज लॉरेन किंग ने वॉशिंगटन, ओरेगन और मिनेसोटा के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी जनरल की याचिका पर सुनवाई के बाद यह अस्थायी आदेश जारी किया। दो हफ्तों तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद, शुक्रवार को कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की योजना के अधिकांश हिस्सों पर रोक लगा दी।

ट्रंप के आदेशों की पड़ताल

ट्रंप द्वारा जारी किए गए दो कार्यकारी आदेशों का उद्देश्य ट्रांसजेंडर युवाओं की चिकित्सा सहायता को सीमित करना था। पहला आदेश, ‘Defending Women from Gender Ideology Extremism’ (महिलाओं को जेंडर विचारधारा के अतिवाद से बचाना), उन कार्यक्रमों की फेडरल फंडिंग समाप्त करने पर केंद्रित था, जो जेंडर विचारधारा को बढ़ावा देते हैं।

दूसरा आदेश, ‘Protecting Children from Chemical and Surgical Mutilation’ (बच्चों को रासायनिक और शल्य चिकित्सा विकृति से बचाना), उन संस्थानों की अनुसंधान और शिक्षा अनुदान में कटौती का निर्देश देता था, जो 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जेंडर-अफर्मिंग देखभाल प्रदान करते हैं।

फैसले का असर

किंग के फैसले के बाद ट्रांसजेंडर समुदाय और उनकी देखभाल करने वाले चिकित्सा संस्थानों ने राहत की सांस ली है। ट्रंप के आदेश से ऐसे संस्थान अपने फंडिंग में कटौती के कारण बंद होने के कगार पर थे।

ट्रांसजेंडर युवाओं के लिए चिकित्सा सहायता की अहमियत

न्यायाधीश किंग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि ट्रांसजेंडर युवाओं को उनकी आवश्यक चिकित्सा देखभाल से वंचित करना उचित नहीं है। उनका कहना था कि यह आदेश केवल अपरिवर्तनीय उपचारों तक सीमित नहीं था, बल्कि ट्रांसजेंडर बच्चों को चिकित्सा सहायता से रोकने का एक व्यापक प्रयास था।

विशेषज्ञों का मानना है कि जेंडर डिस्फोरिया से ग्रस्त युवाओं के लिए समुचित चिकित्सा सहायता आवश्यक है, क्योंकि बिना इलाज के वे मानसिक तनाव, अवसाद और आत्महत्या जैसे गंभीर खतरों का सामना कर सकते हैं।

देशव्यापी प्रभाव

इस फैसले का व्यापक प्रभाव अमेरिका में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों और चिकित्सा देखभाल तक उनकी पहुंच पर पड़ेगा। यह आदेश दिखाता है कि न्यायपालिका, राजनीति से परे जाकर, नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।