Vikrant Shekhawat : Mar 28, 2021, 05:39 PM
Rajasthan Phone Tapping Case: राजस्थान में फोन टैपिंग को लेकर सियासत फिर गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन टैपिंग को लेकर दिल्ली में FIR दर्ज कराई, जिसके बाद कांग्रेस ने कहा कि उन्हें राजस्थान आकर अपनी आवाज का सैंपल जांच एजेंसी को देना चाहिए। वहीं BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कांग्रेस के बयान पर पलटवार किया।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस इतनी घबराई हुई क्यों है। पहले जांच की मांग कर रहे थे और अब जब जांच हो रही है तो कांग्रेस के नेता डरे हुए हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि ग़लत तरीक़े से उन्होंने फ़ोन टैपिंग की है। राठौड़ ने आगे कहा कि ख़ुद राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के विधायकों के फ़ोन टैपिंग का मामला सोशल मीडिया में आना स्वीकार किया है। ऐसे में पूरे मामले की जांच ज़रूरी है। खासकर जब ये फ़ोन टैपिंग का टेप मुख्यमंत्री निवास पर उनके निजी सचिव के पास पहुंचा हो। BJP नेता ने कहा कि लेकिन ऐसे हालातों में राजस्थान पुलिस से सही जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है। जब मुख्यमंत्री दफ्तर ही उसमें जुड़ा हो। इसलिए इस पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मामले में घबराने की बजाय जांच में सहयोग करना चाहिए। अगर उन्हें आवाज़ का सैंपल लेना है तो अपने विधायकों का सैंपल ले लें। उधर, राजस्थान सरकार की तरफ़ से इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 90 हज़ार लोगों के फ़ोन टैप कराए थे, उसकी भी जांच होनी चाहिए। धारीवाल ने कहा कि यह कोई बात नहीं हुई है कि पहले भंवरलाल शर्मा, विश्वेन्द्र सिंह का सैंपल लें और बाद में गजेन्द्र सिंह का सैंपल लिया जाए। पुलिस का निर्णय है कि किसके सैंपल पहले ले। उधर पायलट गुट के विधायक मुरारीलाल मीणा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के मुक़दमा दर्ज कराने को BJP की साज़िश क़रार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस तरह के मुक़दमे से नहीं डरती।
राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस इतनी घबराई हुई क्यों है। पहले जांच की मांग कर रहे थे और अब जब जांच हो रही है तो कांग्रेस के नेता डरे हुए हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि ग़लत तरीक़े से उन्होंने फ़ोन टैपिंग की है। राठौड़ ने आगे कहा कि ख़ुद राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के विधायकों के फ़ोन टैपिंग का मामला सोशल मीडिया में आना स्वीकार किया है। ऐसे में पूरे मामले की जांच ज़रूरी है। खासकर जब ये फ़ोन टैपिंग का टेप मुख्यमंत्री निवास पर उनके निजी सचिव के पास पहुंचा हो। BJP नेता ने कहा कि लेकिन ऐसे हालातों में राजस्थान पुलिस से सही जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है। जब मुख्यमंत्री दफ्तर ही उसमें जुड़ा हो। इसलिए इस पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मामले में घबराने की बजाय जांच में सहयोग करना चाहिए। अगर उन्हें आवाज़ का सैंपल लेना है तो अपने विधायकों का सैंपल ले लें। उधर, राजस्थान सरकार की तरफ़ से इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 90 हज़ार लोगों के फ़ोन टैप कराए थे, उसकी भी जांच होनी चाहिए। धारीवाल ने कहा कि यह कोई बात नहीं हुई है कि पहले भंवरलाल शर्मा, विश्वेन्द्र सिंह का सैंपल लें और बाद में गजेन्द्र सिंह का सैंपल लिया जाए। पुलिस का निर्णय है कि किसके सैंपल पहले ले। उधर पायलट गुट के विधायक मुरारीलाल मीणा ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के मुक़दमा दर्ज कराने को BJP की साज़िश क़रार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस तरह के मुक़दमे से नहीं डरती।