Punjab Election 2022 / बड़े बड़े दावे करने वालों ने अपने लिए ढूंढी सेफ सीट, जानिए कौन सा दिग्गज कहां से लड़ रहा चुनाव

पंजाब में इस बार चुनाव (Punjab Election 2022) के नाजुक माहौल को समझते हुए कोई भी बड़ा नेता रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही वजह है कि अब तक कोई बड़ा नेता किसी दूसरे दिग्गज नेता के खिलाफ सियासी अखाड़े में आमने-सामने के मुकाबले में नहीं उतरा है.पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और भगवंत मान (Bhagwant Man) के अलावा कई दिग्गज, बादल परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ने पहुंच गए थे.

Vikrant Shekhawat : Jan 26, 2022, 06:09 PM
पंजाब में इस बार चुनाव (Punjab Election 2022) के नाजुक माहौल को समझते हुए कोई भी बड़ा नेता रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही वजह है कि अब तक कोई बड़ा नेता किसी दूसरे दिग्गज नेता के खिलाफ सियासी अखाड़े में आमने-सामने के मुकाबले में नहीं उतरा है.

पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और भगवंत मान (Bhagwant Man) के अलावा कई दिग्गज, बादल परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ने पहुंच गए थे. लेकिन इस बार किसी भी बड़े नेता ने अभी तक ऐसा एक भी संकेत नहीं दिया है. अब चुनाव भी ज्यादा दूर नहीं हैं. 20 फरवरी को पंजाब में वोटिंग है. ऐसे में आइए बताते हैं कि अपनी सीट सुरक्षित रखने के लिए कौन सा बड़ा चेहरा कहां से लड़ रहा है.

नवजोत सिद्धू:

सिद्धू अपनी पुरानी सीट अमृतसर ईस्ट से ही चुनाव लड़ रहे हैं. पहले उम्मीद थी कि वो मजीठा सीट पर बिक्रम मजीठिया या पटियाला सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लड़ेंगे. अपने आप को मुख्यमंत्री का चेहरा मानने वाले और बड़ी बड़ी बातें करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू खुद की कुर्सी बचाने की कोशिश में लगे हैं.

​​​बिक्रम मजीठिया:

कांग्रेस और आप ने मजीठा सीट पर बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कोई बड़ा चेहरा नहींं उतरा. यहां से आप ने लाली मजीठिया और कांग्रेस ने जग्गा मजीठिया को उतारा है. यहां किसी बड़े नामदार ने मजीठिया को टक्कर देने की कोशिश नहीं की. बिक्रम मजीठिया खुद अपनी सेफ सीट से ही लड़ना चाहते हैं. 

चरणजीत चन्नी:

सीएम चरणजीत चन्नी भी चमकौर साहिब सीट से ही लड़ रहे हैं. पहले उनकी 2 सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी. वो भी सिर्फ मीडिया के कैमरा पर बड़ी बड़ी बातें वोट बटोरने के लिए ही करते हैं. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह:

कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पहले ही कह चुके हैं कि वह पटियाला से ही चुनाव लड़ेंगे. वह पटियाला नहींं छोड़ सकते. पहले अमृतसर ईस्ट से सिद्धू के खिलाफ उनके चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी. कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ जिस तरह से कांग्रेस पार्टी और सिद्धू ने साजिश रची और कैप्टन को बेइज्जत कर पार्टी से बाहर जाने के लिए विवश किया तो ऐसा लग रहा था कि वो सिद्धू या चन्नी को बड़ी टक्कर देंगे लेकिन वह अपनी पारंपरिक सीट से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

प्रकाश सिंह बादल:

पिछली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लंबी जाकर प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इसी सीट पर AAP ने भी दिल्ली वाले जरनैल सिंह को लड़ाया था. फिलहाल अभी तक साफ नहीं है कि बादल लड़ेंगे या नहीं, लेकिन कांग्रेस ने यहां जगपाल सिंह और आप ने गुरमीत खुडि्डयां को उतारा हैं. तो कहा जा सकता हैं की इस सीट पर भी कोई बड़ा चेहरा आमने-सामने नहीं होगा.

भगवंत मान:

आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान धूरी से चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें धूरी से लीड मिली थी. इसी वजह से उनके लिए सेफ सीट चुनी गई हैं. हालांकि यहां से उन्हें कांग्रेस के सिटिंग विधायक दलबीर गोल्डी और अकाली दल के प्रकाश चंद गर्ग से मुकाबला करना होगा.

केजरीवाल के चहेते भगवंत मान ने बड़े बड़े दावे किए थे. उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी, सुखबीर बादल, बिक्रम मजीठिया, कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर न जाने कितनी बातें की पर लगता है वो सब खोखली थीं. यही वजह मानी जा सकती है कि उनके सलाहकारों ने जिसे सेफ सीट बताया वहीं से खड़े हो गए ताति उन्हें कमजोर उम्मीदवार के सामने आसान जीत मिल सके.

सुखबीर बादल:

सुखबीर बादल इस बार जलालाबाद से लड़ रहे हैं. वह कभी अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के CM फेस थे लेकिन इस BSP के साथ मिल कर वो भी आसानी से विधायक बनने के मूड में हैं. हालांकि पिछली बार यह सीट हॉट सीट थी जहां भगवंत मान, सुखबीर बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने पहुंच गए थे और कांग्रेस ने भी रवनीत बिट्‌टू को उतारा था.

इस बार बिट्‌टू चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो कांग्रेस ने अभी कैंडिडेट फाइनल नहीं किया है. आप ने गोल्डी कंबोज को मैदान में उतारा है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सेफ सीट वाला गेम न होता तो यहां पर आप पार्टी से भगवंत मान और कांग्रेस की ओर से सीएम चन्नी या नवजोत सिंह सिद्धू को लड़ना चाहिए था. 

यानी साफ हैं की पंजाब की राजनीति में सभी बड़े चेहरे सेफ गेम खेलना चाहते हैं. ये लोग सिर्फ मीडिया में आकर बड़े-बड़े दावे ठोकते हैं. कहा जा रहा है कि असलियत में ये सभी नेता पंजाब की क्रांतिकारी जनता से डरे हुए हैं. पंजाब और पंजाबियत की बात करने वाले किसी भी नेता ने ढंग से काम नहीं किया इसीलिए सारे के सारे अपने लिए महफूज सीट से सियासी ताल ठोक रहे हैं.