Vikrant Shekhawat : Jun 28, 2024, 08:00 AM
RBI Governor: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को देश को बड़ी खुशखबरी दी है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों का एनपीए 12 साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया है. जिससे जीडीपी ग्रोथ के मजबूत आंकड़ों से देश को आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बनाए रखने और वैश्विक झटकों को झेलने में मदद मिलेगी. निजी और सरकारी खपत में नरमी और बाहरी मांग की स्थिति रहने के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 में देश का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.2 प्रतिशत बढ़ा था जबकि इसके एक साल पहले वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी.आरबीआई की रिपोर्टआरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी करते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए रेश्यो मार्च, 2024 के अंत में 2.8 फीसदी पर आ गया, जबकि एनएनपीए रेश्यो 0.6 फीसदी रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च, 2025 तक सभी एससीबी का जीएनपीए रेश्यो और भी घटकर 2.5 फीसदी पर आ सकता है. एफएसआर के मुताबिक, शॉर्ट टर्म के आर्थिक परिदृश्य के लिए कई सकारात्मक बातें हैं. इनमें मजबूत घरेलू मांग की स्थिति, कंपनियों का उच्च आशावाद, पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर ध्यान, निवेश-योग्य संसाधन बढ़ाने के लिए उच्च लाभ का उपयोग करने वाली कंपनियां और रियल एस्टेट गतिविधियों में तेजी शामिल है.देश की वित्तीय प्रणाली मजबूतआरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि ऋण वृद्धि की दर में बढ़ोतरी भी एक बड़ा सकारात्मक पक्ष है जिसे बैंकों के सेहतमंद बही-खाते से समर्थन हासिल है. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है, जो वृहद-आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से समर्थित है. सुधरे हुए बही-खाते के साथ बैंक एवं वित्तीय संस्थान निरंतर ऋण विस्तार के जरिये आर्थिक गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं. रिपोर्ट कहती है कि मार्च के अंत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी और जोखिम-भारित संपत्ति का अनुपात (सीआरएआर) और समान इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) रेश्यो क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत रहा.बेहतर है एनबीएफसी की सेहतएफएसआर रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक दबाव संबंधी परीक्षणों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी जरूरतों का अनुपालन करने में सक्षम होंगे. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2024 के अंत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सेहत स्वस्थ बनी हुई थी. उनका सीआरएआर 26.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.0 प्रतिशत और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) 3.3 प्रतिशत पर था.दुनियाभर में संकटरिपोर्ट कहती है कि ये परिदृश्य काल्पनिक झटकों के तहत किए गए कठोर रुढ़िवादी आकलन हैं और परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के तौर पर नहीं की जानी चाहिए। वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रिपोर्ट कहती है कि यह लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और मुद्रास्फीति में गिरावट की धीमी रफ्तार से बढ़े हुए जोखिमों का सामना कर रही है. हालांकि, एफएसआर रिपोर्ट कहती है कि इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है और वित्तीय स्थितियां स्थिर हैं.