- भारत,
- 17-Sep-2024 10:20 PM IST
Delhi New CM Atishi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में एक नई हलचल मचा दी है। इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों का खुलासा किया है। दिल्ली की जनता के बीच जाकर उनके विवादों और आरोपों को साफ करने का प्रयास करने के अलावा, केजरीवाल हरियाणा, पंजाब, और अन्य राज्यों में चुनावी प्रचार में भी जुटने वाले हैं।दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी
दिल्ली विधानसभा के चुनाव फरवरी 2025 में संभावित हैं। इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने तय किया है कि वे दिल्ली के हर वार्ड में जाकर जनता से मिलेंगे। उनका उद्देश्य दिल्लीवासियों के बीच विश्वास पुनः स्थापित करना है। लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि उनकी मुख्य प्राथमिकता जनता के बीच ईमानदारी का सर्टिफिकेट प्राप्त करना है।हरियाणा में चुनाव प्रचार5 अक्टूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर प्रचार करने की योजना बनाई है। वे रोड शो और रैलियों के माध्यम से हरियाणा के मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार, केजरीवाल उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देंगे जहां पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की योजनाअरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया था, लेकिन अब उनके बाहर आने के बाद पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। वरिष्ठ नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं का मानना है कि केजरीवाल की सक्रियता से पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल अपनी जमीनी राजनीति और सक्रियता से जनता को फिर से प्रभावित करने में सक्षम होंगे।पंजाब, झारखंड और महाराष्ट्र में प्रचारपार्टी सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल पंजाब में पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे और वहां भी चुनाव प्रचार करेंगे। इसके अलावा, वे झारखंड और महाराष्ट्र में भी प्रचार करने की संभावना को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। कुछ सूत्रों ने यह भी बताया है कि वे जम्मू-कश्मीर में भी प्रचार कर सकते हैं, जहां पार्टी को अच्छे परिणाम की उम्मीद है।जनता के बीच अग्निपरीक्षाअरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के दौरान कहा, "मैं तभी सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी का सर्टिफिकेट देंगे।" उनका मानना है कि जेल से बाहर आकर जनता के बीच खुद को साबित करना उनकी अग्निपरीक्षा है। वे चाहते हैं कि उनकी ईमानदारी पर जनता मुहर लगाए और तभी वे मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं।अरविंद केजरीवाल का यह कदम राजनीति में एक नई दिशा का संकेत देता है। उन्होंने इस्तीफा देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनावी प्रचार के माध्यम से अपनी छवि और पार्टी के विश्वास को पुनः स्थापित करने की दिशा में गंभीर हैं। अगले कुछ महीनों में, उनके द्वारा किए गए प्रयास पार्टी की भविष्यवाणी और जनता की राय पर निर्भर करेंगे।
दिल्ली विधानसभा के चुनाव फरवरी 2025 में संभावित हैं। इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने तय किया है कि वे दिल्ली के हर वार्ड में जाकर जनता से मिलेंगे। उनका उद्देश्य दिल्लीवासियों के बीच विश्वास पुनः स्थापित करना है। लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि उनकी मुख्य प्राथमिकता जनता के बीच ईमानदारी का सर्टिफिकेट प्राप्त करना है।हरियाणा में चुनाव प्रचार5 अक्टूबर को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर प्रचार करने की योजना बनाई है। वे रोड शो और रैलियों के माध्यम से हरियाणा के मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार, केजरीवाल उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देंगे जहां पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की योजनाअरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया था, लेकिन अब उनके बाहर आने के बाद पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। वरिष्ठ नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं का मानना है कि केजरीवाल की सक्रियता से पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल अपनी जमीनी राजनीति और सक्रियता से जनता को फिर से प्रभावित करने में सक्षम होंगे।पंजाब, झारखंड और महाराष्ट्र में प्रचारपार्टी सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल पंजाब में पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे और वहां भी चुनाव प्रचार करेंगे। इसके अलावा, वे झारखंड और महाराष्ट्र में भी प्रचार करने की संभावना को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। कुछ सूत्रों ने यह भी बताया है कि वे जम्मू-कश्मीर में भी प्रचार कर सकते हैं, जहां पार्टी को अच्छे परिणाम की उम्मीद है।जनता के बीच अग्निपरीक्षाअरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के दौरान कहा, "मैं तभी सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी का सर्टिफिकेट देंगे।" उनका मानना है कि जेल से बाहर आकर जनता के बीच खुद को साबित करना उनकी अग्निपरीक्षा है। वे चाहते हैं कि उनकी ईमानदारी पर जनता मुहर लगाए और तभी वे मुख्यमंत्री और मनीष सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं।अरविंद केजरीवाल का यह कदम राजनीति में एक नई दिशा का संकेत देता है। उन्होंने इस्तीफा देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनावी प्रचार के माध्यम से अपनी छवि और पार्टी के विश्वास को पुनः स्थापित करने की दिशा में गंभीर हैं। अगले कुछ महीनों में, उनके द्वारा किए गए प्रयास पार्टी की भविष्यवाणी और जनता की राय पर निर्भर करेंगे।