Zee News : Aug 30, 2020, 04:50 PM
नई दिल्ली: भारतीय सेना की डॉग यूनिट्स के दो डॉग्स को इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेनाध्यक्ष का प्रशंसापत्र मिला है। विदा और सोफी नाम के कमांडर डॉग्स को ये इनाम जमीन में दबी बारूदी सुरंगों को निकालकर सैनिकों की जान बचाने के लिए मिला है। विदा सेना की जम्मू-कश्मीर में तैनात एक डॉग यूनिट का सदस्य है और सोफी स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में तैनात है।एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग है विदा और सोफीविदा ने जमीन में दबाई गई पांच बारूदी सुरंगों और एक ग्रेनेड को तलाश किया था। वहीं सोफी ने विस्फोटक के महत्वपूर्ण हिस्सों की तलाश की थी। सोफी एक एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग है और अपने काम में माहिर है।सेना के लिए काफी मददगार होते है प्रशिक्षित डॉग्ससेना में प्रशिक्षित डॉग्स सैनिकों के लिए बहुत मददगार होते हैं। इन्हें 8 अलग-अलग ट्रेड में प्रशिक्षित किया जाता है। ये ट्रेड इन डॉग्स की ट्रेनिंग शुरू होने से पहले ही इनकी काबिलियत के आधार पर तय कर दिए जाते हैं।इन चीजों में एक्सपर्ट हैं ये डॉगट्रैकर, गार्ड, माइन डिटेक्शन, एक्सप्लोसिव डिटेक्शन, इंफेंट्री पेट्रोल, एवलांच बचाव अभियान, सर्च एंड रेस्क्यू, लड़ाकू और नॉरकोटिक्स तलाश करने में ये डॉग्स ट्रेंड हैं।एक साल में 30 विस्फोटक को तलाशा, बचाई लोगों की जानपिछले एक साल में इन डॉग्स ने 30 विस्फोटकों की तलाश कर सैनिकों और आम लोगों की जान बचाई है। इन डॉग्स ने पांच आतंकवादियों का पीछा कर मारने में मदद की और 14 हथियार बरामद कराए। इसके अलावा बर्फ में दबे 4 लोगों की तलाश कर उनकी जान बचाई।प्राकृतिक आपदा के समय इन्हीं डॉग्स का किया जाता है इस्तेमालसेना के डॉग्स को भूकंप और एवलांच जैसी प्राकृतिक आपदा में नागरिक प्रशासन भी बचाव और तलाश में मदद के लिए बुलाता है। भारतीय सेना की डॉग यूनिट्स की पूरी दुनिया में सराहना होती है और मित्र देशों में सेना के ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेंड डॉग्स की बहुत मांग है।दूसरे देशों की सेना में भी काम कर रहे भारतीय डॉग्सबांगलादेश, म्यांमार और कोलंबिया में भारतीय सेना द्वारा ट्रेंड डॉग्स काम कर रहे हैं। साउथ अफ्रीका,नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, सेशेल्स जैसे कई देशों के डॉग हेंडलर्स भारत में ट्रेनिंग लेते हैं।