MP Assembly Elections / क्यों घिरे दिग्विजय और CM शिवराज? छोटी सी गलती और बना बड़ा मुद्दा

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब राजनीतिक दल भी मुद्दे तलाश कर रहे है. किसी भी बयान पर या तो विवाद हो रहा है या फिर इमोशनल कार्ड खेला जा रहा है. दरअसल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां ये बात बखूबी जानती है कि कोई भी विवादित बयान कई बार सारा चुनाव बदल देता है. यही कारण है कि किसी भी बयान पर बवाल हो रहा है. सबसे पहले बात बीजेपी की करते हैं. बीजेपी नेता हमेशा ही दिग्विजय सिंह पर हमलावर रहते है.

Vikrant Shekhawat : Oct 14, 2023, 07:35 PM
MP Assembly Elections: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब राजनीतिक दल भी मुद्दे तलाश कर रहे है. किसी भी बयान पर या तो विवाद हो रहा है या फिर इमोशनल कार्ड खेला जा रहा है. दरअसल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां ये बात बखूबी जानती है कि कोई भी विवादित बयान कई बार सारा चुनाव बदल देता है. यही कारण है कि किसी भी बयान पर बवाल हो रहा है. सबसे पहले बात बीजेपी की करते हैं. बीजेपी नेता हमेशा ही दिग्विजय सिंह पर हमलावर रहते है. कांग्रेस पर निशाना साधते समय हमेशा ही दिग्विजय सिंह का जिक्र कर ही देते है. यहां तक की उन्हें मिस्टर बंटाधार तक कहा जाता है.

हाल ही में भोपाल में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों से पूछताछ की. ये पूछताछ टेरर फंडिंग को लेकर थी. इसे लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कार्रवाई करे, हमें कोई दिक्कत नहीं है, मगर 97 % मामले तो झूठ ही पाए जाते है. दिग्विजय सिंह के इस 9 सेकेंड के बयान ने बीजेपी को बड़ा मुद्दा दे दिया.

बीजेपी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. सबसे पहले बीजेपी के विधायक और हिंदूवादी नेता रामेश्वर शर्मा ने इस विषय पर प्रेस वार्ता की और कहा कि दिग्विजय सिंह आतंकियों का साथ देते हैं . यही नहीं अगले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह के इस बयान पर निशाना साधा. ये मामला यहीं नहीं थमा.

दिग्विजय सिंह के बयान के तीसरे दिन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस वार्ता की. ये तो बड़े नेताओं की बात हुई. इसके अलावा बीजेपी ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को जमकर प्रचार किया इतने बवाल के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया.

कांग्रेस ने ‘बाप’ को बनाया बड़ा मुद्दा

ये तो बात थी बीजेपी की, मगर अब बात करते है कांग्रेस की. कल ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका गांधी के बयान पर कहा कि कोई भी घोषणा कर दो, अपने बाप का क्या जाता है. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस को भी एक मुद्दा मिला. कांग्रेस ने इसे लेकर इमोशनल कार्ड खेला.

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि ये भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का अपमान है. यही नहीं दिल्ली से भोपाल आए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरणजीत सपरा ने आज इस मुद्दे पर प्रेस वार्ता की. साथ ही शिवराज सिंह चौहान को लेकर कहा कि उनकी भाषा अमर्यादित है. उन्हें राजीव गांधी के अपमान पर देश से माफी मांगनी चाहिए. वहीं सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस ने इस मुद्दे को जमकर उठाया.

शिवराज और दिग्विजय अपने बयान से घिरे

इसी तरह से कांग्रेस सीएम शिवराज सिंह चौहान के उस भाषण के टुकड़े को भी मुद्दा बना रही है, जिसमें वह लाड़ली योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली राशि के संबंध में कहते हैं कि चुपके से डाल दूंगा… कांग्रेस ने इसके खिलाफ सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.

मतदान में अब 32 दिन का समय बचा है. ऐसे में अब किसी भी नेता के बयान को कब और कैसे विवादित बनाया जाए. इसका ध्यान राजनितिक दल जरूर रख रहे है. कई बार चुनाव से पहले किसी नेता के विवादित बयान से पार्टियों को काफी नुकसान भी हुआ है.