Vikrant Shekhawat : Dec 27, 2020, 11:42 PM
जयपुर: 1998 में निकाली गई थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती (Third Grade Teacher Recruitment) में बोनस अंकों के नियम के चलते अधिक अंक होने के बाद भी चयन प्रक्रिया से बाहर हुए करीब 2 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया (Appointment process) से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
नियुक्ति (Appointment) की मांग को लेकर पिछले 22 सालों से करीब 2 हजार से ज्यादा वंचित बेरोजगार लगातार आंदोलन करते हुए नजर आए लेकिन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के एक बयान के बाद अब लगता है कि इन बेरोजगारों का सरकारी नौकरी लगने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा.
वर्ष 1998 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की निकाली गई भर्ती में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बोनस अंकों के फेर में फंसे करीब 2 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा. उसके बाद से ही लगातार ये बेरोजगार नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन करते हुए नजर आए लेकिन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नियुक्ति को लेकर दिया गया बयान इन बेरोजगारों के सपने तोड़ चुका है.
मुख्य बिंदु:
क्या कहना है शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का:
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि "थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 1998 का अब सरकार के पास कोई प्रकरण लम्बित नहीं है. पिछली भाजपा सरकार के दौरान मंत्री मंडलीय समिति द्वारा इस मामले का निपटारा कर दिया गया था. ऐसे में अब इस संबंध में शिक्षा विभाग में कोई मामला लम्बित नहीं है."
अभ्यर्थियों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी:
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान के बाद अब एक बार फिर से थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 1998 से जुड़े वंचित अभ्यर्थियों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दे दी है. वंचित बेरोजगारों का कहना है कि "पिछले 22 सालों से हर सरकार ने बेरोजगारों को सिर्फ आश्वासन देकर मूर्ख बनाया है और पिछले दो सालों से शिक्षा विभाग फाइल लम्बित होने की बात कहकर ही आश्वासन दे रही थी. ऐसे में अब शिक्षा मंत्री के बयान के बाद साफ हो गया है कि पिछले 22 सालों से बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा था. अपने सम्मान और हक की लड़ाई अब और उग्र की जाएगी और इस बार आंदोलन पर आने के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी."
बहरहाल, शिक्षा मंत्री के बयान के बाद एक बार फिर से करीब 2 हजार से ज्यादा वंचित बेरोजगारों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. ऐसे में 22 सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे बेरोजगारों ने इस बार आर-पार की लड़ाई की भी चेतावनी दे डाली है.
नियुक्ति (Appointment) की मांग को लेकर पिछले 22 सालों से करीब 2 हजार से ज्यादा वंचित बेरोजगार लगातार आंदोलन करते हुए नजर आए लेकिन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के एक बयान के बाद अब लगता है कि इन बेरोजगारों का सरकारी नौकरी लगने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा.
वर्ष 1998 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों की निकाली गई भर्ती में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बोनस अंकों के फेर में फंसे करीब 2 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा. उसके बाद से ही लगातार ये बेरोजगार नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन करते हुए नजर आए लेकिन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नियुक्ति को लेकर दिया गया बयान इन बेरोजगारों के सपने तोड़ चुका है.
मुख्य बिंदु:
- थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 1998 से जुड़ा मामला
- शिक्षा मंत्री के बयान के बाद वंचित बेरोजगारों के टूटे सपने
- बोनस अंकों के प्रावधान के चलते नियुक्ति से वंचित रहे थे चयनित
- 22 सालों में करीब 1 हजार दिनों तक चयनित शिक्षक दे चुके हैं धरने
- लेकिन आज तक भी इन चयनित शिक्षकों को नियुक्ति का इंतजार
- शिक्षा मंत्री ने अब कोई फाइल लम्बित होने से किया इनकार
- जिसके बाद अब फिर से वंचित बेरोजगारों ने दी आंदोलन की चेतावनी
क्या कहना है शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का:
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि "थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 1998 का अब सरकार के पास कोई प्रकरण लम्बित नहीं है. पिछली भाजपा सरकार के दौरान मंत्री मंडलीय समिति द्वारा इस मामले का निपटारा कर दिया गया था. ऐसे में अब इस संबंध में शिक्षा विभाग में कोई मामला लम्बित नहीं है."
अभ्यर्थियों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी:
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बयान के बाद अब एक बार फिर से थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती 1998 से जुड़े वंचित अभ्यर्थियों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दे दी है. वंचित बेरोजगारों का कहना है कि "पिछले 22 सालों से हर सरकार ने बेरोजगारों को सिर्फ आश्वासन देकर मूर्ख बनाया है और पिछले दो सालों से शिक्षा विभाग फाइल लम्बित होने की बात कहकर ही आश्वासन दे रही थी. ऐसे में अब शिक्षा मंत्री के बयान के बाद साफ हो गया है कि पिछले 22 सालों से बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा था. अपने सम्मान और हक की लड़ाई अब और उग्र की जाएगी और इस बार आंदोलन पर आने के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी."
बहरहाल, शिक्षा मंत्री के बयान के बाद एक बार फिर से करीब 2 हजार से ज्यादा वंचित बेरोजगारों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. ऐसे में 22 सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे बेरोजगारों ने इस बार आर-पार की लड़ाई की भी चेतावनी दे डाली है.