Rajasthan Elections / 4 नेताओं ने CM गहलोत के सामने घुटने टेके, 2 दर्जन प्रत्याशी मैदान से आउट

राजस्थान विधासनभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता के लिए घमासान मचा हुआ है, जिसके लिए हरसंभव दांव चले जा रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे दिग्गजों के सामने खड़े कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लेकर राह आसान कर दी है. इतना ही नहीं करीब दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर बसपा, आम आदमी पार्टी, आरएलपी सहित कई अन्य छोटे से चुनाव मैदान

Vikrant Shekhawat : Nov 22, 2023, 06:28 PM
Rajasthan Elections: राजस्थान विधासनभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सत्ता के लिए घमासान मचा हुआ है, जिसके लिए हरसंभव दांव चले जा रहे हैं. सीएम अशोक गहलोत से लेकर वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे दिग्गजों के सामने खड़े कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लेकर राह आसान कर दी है. इतना ही नहीं करीब दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर बसपा, आम आदमी पार्टी, आरएलपी सहित कई अन्य छोटे से चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों ने कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजों के सामने अपने घुटने टेक दिए हैं.

कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है और कांटे की टक्कर दिख रही है. यही वजह है कि दोनों ही प्रमुख पार्टियां किसी तरह से कोई कोरकसर नहीं छोड़ रही हैं. कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेता अपने सामने लड़ रहे निर्दलीय और छोटी पार्टियों के उम्मीदवारों को मैनेज करने की कोशिश भी कर रहे. ऐसे में किंगमेकर बनने का सपना लेकर चुनावी मैदान में उतरी, बसपा, आरएलपी, बीटीपी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को साधकर अपनी राह आसान बनाने में कांग्रेस और बीजेपी नेता जुटे हैं.

राजस्थान में दो दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां अब तक छोटी पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन करने के बाद अपना पर्चा वापस ले लिया है. नामांकन अगर वापस नहीं लिया तो अब समर्थन का ऐलान कर दिया है. सबसे ज्यादा मैदान छोड़ने वाले प्रत्याशी बसपा के हैं. एक दर्जन के करीब बसपा उम्मीदवारों ने कांग्रेस या फिर बीजेपी के समर्थन का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा तीन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के हैं तो बाकी अन्य पार्टी के हैं. ऐसे ही कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी वोटिंग से पहले मैदान छोड़ दिए हैं.

मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम की राह आसान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं. गहलोत के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए थे. शनाज बैनन, महेश, दीपक मंत्री और सुरेश जैसे निर्दलीय प्रत्याशी को गहलोत मनाने में सफल रहे हैं. इसी तरह से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अपनी परंपरागत सीट झालरापाटन से मैदान में है. झालरापाटन से वसुंधरा के सामने इस बार बीजेपी के शैलेन्द्र यादव और अजय कुमार ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरा था, लेकिन उन्हें वसुंधरा राजे मनाने में कामयाब रही. इन दोनों ही बीजेपी नेताओं ने चुनावी मैदान उनके समर्थन में छोड़ दिया है.

हवामहल सीट से बसपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तरुषा पाराशर ने नाम वापस लेकर बीजेपी शामिल हो गईं. इसी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पप्पू कुरैशी कांग्रेस में शामिल हो गए. पप्पू को मनाने का काम सीएम गहलोत ने किया था. उदयपुरवाटी सीट पर पिछली बार बसपा के राजेंद्र गुढ़ा जीते थे, जो इस बार शिवसेना से मैदान में हैं. बसपा प्रत्याशी संदीप सैनी ने कांग्रेस प्रत्याशी भगवान राम सैनी को समर्थन दे दिया है और अपना पर्चा वापस ले लिया.

सांगानेर विधानसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी रामलाल चौधरी नाम वापस लेकर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को समर्थन दिया है. आदर्श नगर सीट से बसपा के हसनराजा ने कांग्रेस के रफीक खान, जैसलमेर से बसपा के प्रहलाद राम ने कांग्रेस के रूपाराम, भीनमाल से बसपा के कृष्ण कुमार ने कांग्रेस के समरजीत सिंह, राजाखेड़ा से बसपा के धर्मपाल ने बीजेपी की नीरजा शर्मा, सिरोही सीट पर बसपा के सुरेश कुमार ने कांग्रेस के संयम लोढ़ा और पोकरण से बसपा के तुलछाराम ने बीजेपी प्रतापपुरी महाराज को समर्थन दिया है.

पायलट और खाचरियावास की राह आसान

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट टोंक विधानसभा सीट से दूसरी बार मैदान में उतरे हैं. पायलट के खिलाफ आधा दर्जन कांग्रेसियों ने बागी होकर निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिए थे, जिनमें नियामुद्दीन, रसीद खान, मोहम्मद उमर, अहमद कादिर और अख्तियार जैसे नेता थे. मुस्लिम बहु्ल सीट होने के चलते इनके चुनावी मैदान में उतरने से पायलट की चुनौती बढ़ गई थी, लेकिन उन्हें साधने में वो सफल रहे और सभी के सातों मुस्लिमों को नामांकन वापस कर दिया था.

वहीं, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में हाई प्रोफाइल मंत्री और कांग्रेस के दिग्गद नेता प्रताप सिंह खाचरियावास जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट से मैदान में है, जिनके खिलाफ पार्टी के कई नेता बागी होकर चुनावी मैदान में उतर गए थे. अरुण चतुर्वेदी बसपा से मैदान में थे तो राशिद अहम और नरेश पारीक निर्दलीय मैदान में ताल ठोक रहे थे, पर खाचरियावास तीनों ही नेताओं को मनाने में कामयाब रहे और अपने समर्थन में उनके नामांकन भी वापस कर दिए.

बीकानेर पश्चिम सीट पर आरएलपी प्रत्याशी अब्दुल माजिद खोखर ने कांग्रेस प्रत्याशी बीडी कल्ला के समर्थन में नाम वापस ले लिया. सरदारशहर सीट पर आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड ने अपना नाम वापस लेकर निर्दलीय राजकरण चौधरी को समर्थन दे दिया. दांतारामगढ़ सीट पर आरएलपी प्रत्याशी महावीर प्रसाद बिजारणिया ने नाम वापस लेकर कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह को समर्थन दिया है. बाड़मेर सीट पर आरएलपी के प्रत्याशी जोगाराम डूडी ने निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका चौधरी के पक्ष में चुनावी मैदान छोड़ गिया है.