AMAR UJALA : Aug 29, 2020, 08:59 AM
Delhi: आज दुनिया ‘इंटरनेशनल डे अंगेस्ट न्यूक्लियर टेस्ट’ के तौर पर मना रही है। इसकी शुरुआत दिसंबर 2009 को हुई, जब संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 29 अगस्त को इस दिन के तौर पर मनाने की सहमति व्यक्त की। हाल ही में, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने कहा था, परमाणु हथियार देश को सुरक्षा की गारंटी देते हैं। इस बयान के बाद काफी बवाल मच गया था। दुनियाभर के कई देशों का मानना है कि राष्ट्रों को परमाणु हथियारों की लालसा को छोड़ कर मानवता की भलाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हालांकि, फिर भी कुछ ऐसे देश हैं, जो लगातार इस बात को दरकिनार कर परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल होना चाहते हैं। आधिकारिक तौर पर दुनिया के 9 देश परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र हैं। कुछ देश ऐसे हैं, जिन्होंने इन हथियारों को हासिल कर लिया है या फिर इसे पाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। ये देश इस बात से बिल्कुल बेफ्रिक होकर परमाणु हथियारों के रास्ते पर चल दिए है कि इन हथियारों के चलते ही दुनिया तबाही के मुहाने पर आ खड़ी हुई थी। परमाणु हथियारों के दंश से दुनिया को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1962 में एक कमीशन को तैयार किया। इसके बाद 1970 में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का खाका तैयार हुआ। इसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि दुनिया के पांच देशों के अलावा कोई भी देश परमाणु शक्ति को हासिल करने की कोशिश नहीं करेगा। अब तक 93 देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। किन देशों के पास कितने परमाणु हथियारदेश परमाणु हथियाररूस 6,800अमेरिका 6,550फ्रांस 300चीन 270ब्रिटेन 215पाकिस्तान 130 से 140भारत 120 से 130इस्राइल 80उत्तर कोरिया 10 से 20