जयपुर / मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा किया

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान के मध्यप्रदेश से सटे बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा किया। कोटा व झालावाड़ में जिले में बांधों के गेट खोलकर लाखों क्यूसैक पानी छोड़े जाने से कई बस्तियां डूब गईं थी। कोटा-झालावाड़ में कई बस्तियों में 10 फीट से अधिक पानी भर जाने से वहां नावें चलने लगी थीं। कच्चे मकान ढह जाने व घरों में पानी घुस जाने से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। फसलें भी बर्बाद हो गईं।

Dainik Bhaskar : Sep 21, 2019, 12:57 PM
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान के मध्यप्रदेश से सटे बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा किया। राज्यपाल ने हेलिकॉप्टर से बूंदी, झालावाड़, बारा और कोटा जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा कर हाल जाने। राज्यपाल ने इस बारे में अधिकारियों से बात की। राज्यपाल ने इसके बाद मीडिया से बात की। उल्लेखनीय है कि इस बार मध्यप्रदेश में लगातार हुई बारिश से चंबल, पार्वती, कालीसिंध सहित कई नदियां-नाले उफान पर हैं।

कोटा व झालावाड़ में जिले में बांधों के गेट खोलकर लाखों क्यूसैक पानी छोड़े जाने से कई बस्तियां डूब गईं थी। कोटा-झालावाड़ में कई बस्तियों में 10 फीट से अधिक पानी भर जाने से वहां नावें चलने लगी थीं। कच्चे मकान ढह जाने व घरों में पानी घुस जाने से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं फसलें भी बर्बाद हो गईं। मुख्यमंत्री ने 16 सितंबर को कोटा-झालावाड़ का दौरा किया था।

प्रदेश में मानसून इस बार जमकर मेहरबान रहा। अब तक प्रदेश में 729.20 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत से 41.7 फीसदी ज्यादा है। पिछले तीन दशक में यह तीसरा मौका है, जब 700 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। इससे पहले वर्ष 1996 में 718.60 मिमी और 2011 में 737.60 मिमी बारिश हुई थी। हालांकि, इससे पहले महज एक बार 1917 में 1079 मिमी बारिश हुई थी।

बारिश इस बार 2011 का रिकॉर्ड तोड़ने की और है, क्योंकि मौसम विभाग का दावा है कि हर साल 15 से 20 सितंबर के बीच विदा होने वाला मानसून इस बार एक हफ्ते की देरी से विदा होने की संभावना है। प्रदेश में इस बार 5 जिलों को छोड़कर लगभग सभी जगह झमाझम बारिश हुई है। 33 में से 8 जिलों में तो औसत से 60 फीसदी ज्यादा यानी असामान्य बारिश दर्ज की गई। 20 जिलों में सामान्य या इससे ज्यादा तथा 5 में औसत से कम बारिश हुई है। सबसे अधिक प्रतापगढ़ जिले में बारिश का आंकड़ा 1511 मिमी यानी सामान्य से 86 फीसदी ज्यादा के पार चला गया। पिछले साल एक भी जिले में असामान्य बारिश नहीं हुई थी।