Rajasthan / अजमेर की 'कलयुगी मीरा' खाटू श्याम बाबा को रोजाना चढ़ा रही है 51 निशान, भक्ति ऐसी की घर-नौकरी सब छोड़ा

'ऐसी लागी लग्न मीरा हो गई मग्न' श्री कृष्ण की भक्ति में पागल मीरा बाई के लिए लिखा गया यह गीत श्याम दीवानी आरती पर फिट बैठता है। वैसे तो श्याम बाबा के लाखों भक्त हैं लेकिन अजमेर की आरती खुद को खाटू श्याम की सबसे बड़ी भक्त बताती है। आरती को सभी कलयुग की मीरा कहने लगे हैं। सीकर जिले के खाटू में स्थित श्याम बाबा का फाल्गुन लक्खी मेला इन दिनों अपने पूरे परवान पर है।

Vikrant Shekhawat : Mar 14, 2022, 03:01 PM
'ऐसी लागी लग्न मीरा हो गई मग्न' श्री कृष्ण की भक्ति में पागल मीरा बाई के लिए लिखा गया यह गीत श्याम दीवानी आरती पर फिट बैठता है। वैसे तो श्याम बाबा के लाखों भक्त हैं लेकिन अजमेर की आरती खुद को खाटू श्याम की सबसे बड़ी भक्त बताती है। आरती को सभी कलयुग की मीरा कहने लगे हैं। 

सीकर जिले के खाटू में स्थित श्याम बाबा का फाल्गुन लक्खी मेला इन दिनों अपने पूरे परवान पर है। श्याम बाबा के मेले में देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू धाम में पहुंच रहे हैं। वहीं लाखों की संख्या में श्रद्धालु रींगस से पैदल यात्रा कर बाबा को निशान चढ़ा रहे हैं । डीजे की धुनों पर नाचते गाते श्रद्धालु रींगस से पैदल चलकर बाबा श्याम के दरबार में हाजरी लगा कर मनोकामनाएं मांग रहे हैं। 

सात साल से निरंतर पहुंच रही श्याम दरबार

वहीं श्याम जगत में कलयुग की मीरा और श्याम दीवानी के नाम से प्रसिद्ध अजमेर की आरती श्याम बाबा को रोजाना 51 निशान अर्पित कर रही है । आरती ने 51 निशानों के साथ अपनी 100 दिवसीय यात्रा की शुरुआत बाबा श्याम के जन्मोत्सव कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी से शुरू की थी, जो निरंतर जारी है। कलयुग की मीरा के नाम से प्रसिद्ध आरती पिछले 7 साल से श्याम बाबा के निशान अर्पित कर रही है। 

कहती हैं-पदयात्रा कर नहीं होती थकान

अनोखी बात यह है कि इतनी पदयात्रा करने के बाद भी आरती के पैरों में आज तक छाला तक नहीं हुआ। आमतौर पर रींगस से खाटू तक निशान यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के पैरों में छाले हो जाते हैं लेकिन आरती इतनी बड़ी संख्या में निशान नाचते गाते हुए लेकर जाती है। आरती कहती हैं कि पदयात्रा से उन्हें कोई ना थकान होती है, ना पैरों में दर्द। शायद यह श्याम बाबा का ही चमत्कार है। पहले भी 11, 21, 31 और 41 निशान के साथ अपनी पदयात्रा की शुरूआत करने वाली अजमेर निवासी आरती पिछले आठ साल में अब तक साढ़े 19 हजार से भी अधिक निशान बाबा श्याम को चढ़ा चुकी है । वहीं श्याम बाबा के फाल्गुन मेले में भी आरती रोजाना 51 निशानों के साथ रींगस से खाटू की पदयात्रा कर श्याम बाबा को निशान चढ़ा रही है ।

ऐसे पड़ा कलयुग की मीरा नाम 

कलयुग की मीरा के नाम से मशहूर आरती अजमेर की रहने वाली है। वो समाजशास्त्र में एमए तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद जयपुर में स्थित अस्पताल में नर्स का काम करती थी। आरती बताती हैं कि एक दिन श्याम बाबा की भजन संध्या में गई, जहां उन्हें श्याम बाबा की ऐसी लग्न लगी कि वो श्याम बाबा की दीवानी हो गई। जिसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ अपना घर-परिवार छोड़ खाटू आ गई। जहां उन्होंने एक निशान के साथ रींगस से पैदल यात्रा शुरू की, जो आज 51 निशानों तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि कई बार श्याम बाबा उन्हें दर्शन भी दे चुके हैं।