Maharashtra Election 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को विश्वास जताया कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन आगामी विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में लौटेगा। शाह ने मुंबई में भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए गठबंधन की प्रतिबद्धता और रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे को लेकर स्पष्ट किया कि महायुति के तीनों गठबंधन सहयोगी चुनाव के बाद एक सामूहिक निर्णय लेंगे। फिलहाल, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
शाह ने की महत्वपूर्ण टिप्पणी
अपने भाषण में शाह ने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विभाजन के कारणों पर चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि दोनों पार्टियां परिवारवाद के कारण टूट गईं। शाह ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की बजाय अपने बेटे आदित्य ठाकरे को प्राथमिकता दी, जबकि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अजीत पवार की बजाय अपनी बेटी सुप्रिया सुले को आगे बढ़ाया। शाह ने कहा, "इन पार्टियों ने परिवार को प्राथमिकता दी, जिससे उनकी पार्टियों में विभाजन हुआ। अब वे बिना किसी ठोस कारण के भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं।"
महायुति की योजना और घोषणापत्र
महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राकांपा शामिल है, ने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट रणनीति बनाई है। अमित शाह ने घोषणा की कि चुनाव के बाद गठबंधन में मंत्रियों की एक समिति गठित की जाएगी, जो सुनिश्चित करेगी कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादे समय पर पूरे किए जाएं। शाह ने दोहराया कि भाजपा "परिवार-आधारित राजनीति" के खिलाफ है और पारदर्शिता के साथ काम करने के पक्ष में है।
कांग्रेस पर कटाक्ष
अमित शाह ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर आरक्षण को कमजोर करने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। शाह ने कहा, "यह मोदी सरकार है जिसने ओबीसी को आरक्षण का अधिकार दिया और आरक्षण को मजबूत किया।" उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित किताब का हवाला देते हुए तंज कसा कि वह संविधान पर लिखने का दावा तो करते हैं, लेकिन किताब के पन्ने खाली हैं, जो उनकी अज्ञानता और अदूरदर्शिता को दर्शाता है। शाह ने कहा, "राहुल गांधी अब राजनीतिक परिदृश्य में एक मजाक का पात्र बन गए हैं।"
निष्कर्ष
अमित शाह के बयान से यह स्पष्ट है कि भाजपा महाराष्ट्र में मजबूत और स्थिर सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। महायुति गठबंधन का घोषणापत्र राज्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण योजनाओं को प्रस्तुत करता है और भाजपा का परिवारवाद के खिलाफ रुख इसे अन्य दलों से अलग करता है। आगामी चुनाव में महायुति की रणनीति और गठबंधन के नेताओं का सामूहिक निर्णय राज्य की जनता के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।