Lalu Yadav News / लालू यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब केस में मुकदमा चलाने की मंजूरी

लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि सीबीआई की फाइनल चार्जशीट पर गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अन्य आरोपियों के लिए भी मंजूरी मांगी है, जबकि अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।

Vikrant Shekhawat : Sep 20, 2024, 01:00 PM
Lalu Yadav News: लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, क्योंकि लैंड फॉर जॉब यानी नौकरी के बदले जमीन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने फाइनल चार्जशीट पेश की है। गृह मंत्रालय ने अब लालू प्रसाद यादव, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष हैं, के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को इस संबंध में जानकारी भी दे दी है।

आरोपियों की संख्या बढ़ी

इस मामले में कुल 30 से अधिक अन्य आरोपी शामिल हैं, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी के लिए अतिरिक्त 15 दिन मांगे हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह इस प्रक्रिया में तेजी लाए। इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होने वाली है।

लालू-तेजस्वी और तेज प्रताप को समन

बुधवार को लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए नई चुनौतियां सामने आईं, जब दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में समन जारी किया। लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है।

तेज प्रताप की भूमिका

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने तेज प्रताप यादव की संलिप्तता पर भी टिप्पणी की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी रह चुके हैं। उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया गया है। यह पहला अवसर है जब तेज प्रताप यादव को इस मामले में समन भेजा गया है।

निष्कर्ष

लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए यह मामला एक नई चुनौती बनकर उभरा है। सीबीआई की कार्रवाई और कोर्ट द्वारा जारी समन ने उनके खिलाफ गंभीर आरोपों को और मजबूती दी है। अब यह देखना होगा कि आने वाली सुनवाई में क्या नए घटनाक्रम सामने आते हैं और लालू प्रसाद यादव अपनी स्थिति को कैसे संभालते हैं। इस मामले का राजनीतिक और कानूनी प्रभाव बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण हो सकता है।