Vikrant Shekhawat : Sep 23, 2024, 01:13 PM
Delhi New CM Atishi: आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का चार्ज एक अनूठे तरीके से लिया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खासी चर्चा हो रही है। उन्होंने दिल्ली सचिवालय में चार्ज लेते समय मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया और उसके बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला। यह प्रतीकात्मक तरीका आतिशी ने अपनाया, जिससे वह न केवल पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के प्रति अपनी निष्ठा दिखाना चाहती थीं, बल्कि दिल्ली की जनता को भी यह संदेश देना चाहती थीं कि केजरीवाल अभी भी उनके लिए असली मुख्यमंत्री हैं।आतिशी की प्रतीकात्मक टिप्पणी: 'भरतजी की व्यथा'मुख्यमंत्री का पदभार संभालते हुए आतिशी ने अपने विचार भी व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला, लेकिन मेरे मन की वही व्यथा है जो भरतजी की थी। जैसे भरतजी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर राज किया, वैसे ही मैं भी अगले चार महीने तक मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी।" इस टिप्पणी से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आगामी चुनावों में जनता फिर से केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुनेगी।बीजेपी का हमला और आलोचनाहालांकि, आतिशी के इस प्रतीकात्मक पदभार ग्रहण पर बीजेपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आतिशी के कदम को 'राजनीतिक ड्रामा' करार दिया। उन्होंने कहा, "आतिशी मार्लेना ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला, जो दिखाता है कि वह असली मुख्यमंत्री नहीं हैं। असली मुख्यमंत्री तो अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करने और सचिवालय जाने से रोक दिया है।" मालवीय ने इसे संविधान का मखौल उड़ाने के रूप में देखा और कहा कि मुख्यमंत्री का पद और गोपनीयता की शपथ आतिशी ने ली है, लेकिन 'खाली कुर्सी पर बैठे केजरीवाल के भूत ने नहीं'।अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी का उदयअरविंद केजरीवाल के जेल से जमानत मिलने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी, जिसने सबको चौंका दिया। 17 सितंबर को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पार्टी की कमान आतिशी को सौंपी गई। 21 सितंबर को आतिशी ने दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और अपने मंत्रिमंडल का गठन किया।शपथ ग्रहण और केजरीवाल से आशीर्वादआतिशी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल से आशीर्वाद लिया। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जब अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना एक साथ खड़े थे, तो आतिशी ने आगे बढ़कर पूर्व मुख्यमंत्री के पैर छुए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसने उनके केजरीवाल के प्रति सम्मान और निष्ठा को प्रदर्शित किया।निष्कर्षआतिशी के मुख्यमंत्री बनने की यह यात्रा न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीतिक परिदृश्य में भी एक नया मोड़ लेकर आई है। अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में उनके प्रतीकात्मक समर्थन के साथ, आतिशी ने यह साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं, लेकिन जनता की उम्मीदें अब भी केजरीवाल से जुड़ी हुई हैं। अगले कुछ महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता और राजनीतिक हलकों में इस नए नेतृत्व को किस रूप में देखा जाता है।