JK Government: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला आज, 16 अक्टूबर की सुबह 11:30 बजे, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि पार्टी उमर अब्दुल्ला की सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि बाहर से समर्थन देगी। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।
कांग्रेस का फैसला और इसकी वजह
कांग्रेस ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उनकी लोकल इकाई चाहती थी कि पार्टी सरकार में शामिल हो, लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने राज्य में पार्टी की परफॉर्मेंस को लेकर असंतोष जताया। हाई कमान ने फैसला किया कि खराब प्रदर्शन के बावजूद नेताओं को मंत्रीपद देना सही नहीं होगा। इसके बजाय, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं पर संगठन को मजबूत करने का दबाव डाला जाएगा। इस निर्णय के तहत कांग्रेस हाई कमान ने मंत्री पद की बजाय संगठनात्मक मजबूती को प्राथमिकता दी है।
शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले प्रमुख नेता
उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में कई प्रमुख नेता शामिल होंगे, जिनमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, और सीपीआई के नेता डी राजा शामिल हैं। यह समारोह डल झील के तट पर आयोजित किया जाएगा, जो कश्मीर के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है।
शपथ ग्रहण समारोह का स्थान
उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण के साथ उनके मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। उमर अब्दुल्ला इससे पहले भी 2009 से 2014 तक एनसी-कांग्रेस गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।
आठ विधायक भी लेंगे शपथ
उमर अब्दुल्ला के साथ उनकी मंत्रिपरिषद के आठ सदस्य भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। हाल ही में 11 अक्टूबर को, उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 विधायकों, चार निर्दलीय विधायकों, छह कांग्रेस विधायकों और एक सीपीआई (एम) प्रतिनिधि के समर्थन पत्रों के साथ सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया था। शपथ ग्रहण के बाद, उमर अब्दुल्ला श्रीनगर में सिविल सचिवालय में प्रशासनिक सचिवों से भी मुलाकात करेंगे।इस ऐतिहासिक पल के साथ, जम्मू-कश्मीर में एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत हो रही है, जिसमें उमर अब्दुल्ला का नेतृत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कांग्रेस का बाहर से समर्थन देना और संगठनात्मक मजबूती पर जोर देना उनके भविष्य की रणनीति की दिशा को दर्शाता है।