AajTak : Sep 08, 2020, 07:15 AM
Delhi: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीएमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। ICICI बैंक की कर्जदार कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज द्वारा दीपक कोचर की कंपनी में निवेश को लेकर जांच चल रही थी। इस मामले पर ईडी अधिकारी दीपक कोचर से पूछताछ भी कर रहे थे। अब खबर है कि दीपक को ईडी द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
दीपक कोचर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को दिए गए लोन का दुरुपयोग करने के आरोप में केस भी दर्ज कर लिया है। इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया, दीपक कोचर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और जब वह कई ट्रांजैक्शन के बारे में ठीक से नहीं बता पाए तो अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया।आरोप है कि दीपक कोचर की फर्म न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 2010 में 64 करोड़ रुपए वीडियोकॉन ग्रुप और 325 करोड़ मैटिक्स फर्टिलाइजर के द्वारा निवेश किया गया था। ये निवेश ICICI बैंक से लोन मिलने के तुरंत बाद किया गया था। आने वाले समय में चंदा कोचर के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि जांच एजेंसी वीडियोकॉन और मेटिक्स के अलावा अन्य कंपनियों को लोन देने की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी उन सभी लोन्स की जांच कर सकती है जो चंदा कोचर ने ICICI बैंक प्रमुख रहते हुए कपनियों को दिए थे। इससे पहले ईडी ने चंदा कोचर से संबंधित संपत्ति भी अटैच की थी।शक के घेरे में वीडियोकॉन लोन केस से संबंधित सभी चीजों को ईडी ने अटैच कर लिया था। इसके अलावा ईडी ने कोचर की करीब 78 करोड़ रुपए की प्रोपर्टी भी अटैच की है। चंदा कोचर और बैंक के अन्य आठ लोगों पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में लापरवाही का आरोपी बनाया गया है।
क्या है आरोपआरोप है कि वीडियोकॉन उद्योगों के वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर द्वारा प्रवर्तित एक फर्म को करोड़ों रुपये मुहैया कराए थे, जबकि वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से ऋण के रूप में 3,250 करोड़ रुपये मिले थे। यह राशि 40 हजार करोड़ रुपये के ऋण का हिस्सा थी जिसे वीडियोकॉन समूह ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों के एक कंसोर्टियम से हासिल किया था।मामला आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 2009 से लेकर 2011 के दौरान प्रदत्त 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने में कथित अनियमिताएं व भ्रष्टाचार से जुड़ा है।ईडी का आरोप है कि कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के प्रमुख रहते हुए अवैध ढंग से अपने पति की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स को करोड़ों रुपये दिए। मार्च में ईडी ने कोचर परिवार के आवास व कार्यालय परिसरों की तलाशी ली थी और वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ उनको पूछताछ के लिए बुलाया था।धूत ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई बैंक से ऋण प्रदान करने की मंजूरी के बदले में अपनी कंपनी सुप्रीम इनर्जी के माध्यम से न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड में निवेश किया। वीडियोकॉन समूह को दिए गए कुल कर्ज 40,000 करोड़ रुपये के एक बड़े हिस्से की 2017 के आखिर में वसूली नहीं हो पाई और बैंक ने 2,810 करोड़ रुपये के कर्ज को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया।
दीपक कोचर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को दिए गए लोन का दुरुपयोग करने के आरोप में केस भी दर्ज कर लिया है। इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया, दीपक कोचर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और जब वह कई ट्रांजैक्शन के बारे में ठीक से नहीं बता पाए तो अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया।आरोप है कि दीपक कोचर की फर्म न्यूपावर रिन्यूएबल्स में 2010 में 64 करोड़ रुपए वीडियोकॉन ग्रुप और 325 करोड़ मैटिक्स फर्टिलाइजर के द्वारा निवेश किया गया था। ये निवेश ICICI बैंक से लोन मिलने के तुरंत बाद किया गया था। आने वाले समय में चंदा कोचर के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि जांच एजेंसी वीडियोकॉन और मेटिक्स के अलावा अन्य कंपनियों को लोन देने की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी उन सभी लोन्स की जांच कर सकती है जो चंदा कोचर ने ICICI बैंक प्रमुख रहते हुए कपनियों को दिए थे। इससे पहले ईडी ने चंदा कोचर से संबंधित संपत्ति भी अटैच की थी।शक के घेरे में वीडियोकॉन लोन केस से संबंधित सभी चीजों को ईडी ने अटैच कर लिया था। इसके अलावा ईडी ने कोचर की करीब 78 करोड़ रुपए की प्रोपर्टी भी अटैच की है। चंदा कोचर और बैंक के अन्य आठ लोगों पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में लापरवाही का आरोपी बनाया गया है।
क्या है आरोपआरोप है कि वीडियोकॉन उद्योगों के वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर द्वारा प्रवर्तित एक फर्म को करोड़ों रुपये मुहैया कराए थे, जबकि वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से ऋण के रूप में 3,250 करोड़ रुपये मिले थे। यह राशि 40 हजार करोड़ रुपये के ऋण का हिस्सा थी जिसे वीडियोकॉन समूह ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों के एक कंसोर्टियम से हासिल किया था।मामला आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 2009 से लेकर 2011 के दौरान प्रदत्त 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने में कथित अनियमिताएं व भ्रष्टाचार से जुड़ा है।ईडी का आरोप है कि कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के प्रमुख रहते हुए अवैध ढंग से अपने पति की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स को करोड़ों रुपये दिए। मार्च में ईडी ने कोचर परिवार के आवास व कार्यालय परिसरों की तलाशी ली थी और वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ उनको पूछताछ के लिए बुलाया था।धूत ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई बैंक से ऋण प्रदान करने की मंजूरी के बदले में अपनी कंपनी सुप्रीम इनर्जी के माध्यम से न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड में निवेश किया। वीडियोकॉन समूह को दिए गए कुल कर्ज 40,000 करोड़ रुपये के एक बड़े हिस्से की 2017 के आखिर में वसूली नहीं हो पाई और बैंक ने 2,810 करोड़ रुपये के कर्ज को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया।