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- 14-Feb-2025 06:20 PM IST
Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीने के लिए भंग कर दिया है। इस दौरान बैंक के संचालन की जिम्मेदारी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को सौंपी गई है, जिन्हें प्रशासक नियुक्त किया गया है। साथ ही, प्रशासक को सहायता प्रदान करने के लिए एक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया गया है, जिसमें एसबीआई के पूर्व जनरल मैनेजर रविंद्र सपरा और चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिजीत देशमुख को शामिल किया गया है।
आरबीआई ने बैंक पर लगाए सख्त प्रतिबंधभारतीय रिजर्व बैंक ने 14 फरवरी से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों के तहत, बैंक के ग्राहक अपने खाते से कोई भी धनराशि नहीं निकाल सकते। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, अगले 6 महीनों तक बैंक पर प्रतिबंध लागू रहेंगे, और इस अवधि के दौरान आरबीआई समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगा।ग्राहकों की चिंता और डिपॉजिट इंश्योरेंसनए प्रतिबंधों के लागू होते ही बैंक की शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। लोगों में इस बात की चिंता है कि वे अपने खातों से पैसे नहीं निकाल सकते। हालांकि, आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि जमाकर्ताओं की 5 लाख रुपये तक की जमा राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत सुरक्षित है। इसका मतलब है कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पात्र जमाकर्ता अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि का बीमा दावा कर सकते हैं।बैंकिंग गतिविधियों पर रोकआरबीआई के निर्देशों के अनुसार, बैंक अब बिना प्री-अप्रूवल के कोई भी नया लोन या एडवांस जारी नहीं कर सकता। इसके अलावा, बैंक अब किसी भी ग्राहक से नया डिपॉजिट स्वीकार नहीं करेगा और न ही किसी भी खाते से निकासी की अनुमति देगा। यह निर्णय बैंक की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।आगे की राहआरबीआई द्वारा उठाए गए इन कदमों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता बनाए रखना और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है। बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासक और एडवाइजरी कमेटी मिलकर काम करेंगे। इस दौरान, आरबीआई बैंक की स्थिति की निगरानी करता रहेगा और आवश्यकतानुसार आगे के निर्णय लेगा।इस घटनाक्रम को देखते हुए बैंक के ग्राहकों और निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। आरबीआई की ओर से कोई नई घोषणा आने तक जमाकर्ताओं को धैर्य बनाए रखना चाहिए और अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक सूत्रों से संपर्क करना चाहिए।