देश / वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, किसानों ने 4 लाख करोड़ का सस्ता कर्ज लिया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की तरफ से ऐलान किए गए 20 लाख करोड़ की दूसरी किश्त के बारे में गुरुववार को ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों के खाते में सबसे पहले मदद पहुंचाई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों ने 4 लाख करोड़ का सस्ता कर्ज लिया है।

Live Hindustan : May 14, 2020, 05:26 PM
दिल्ली:  वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार की तरफ से ऐलान किए गए 20 लाख करोड़ की दूसरी किश्त के बारे में गुरुववार को ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों के खाते में सबसे पहले मदद पहुंचाई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि किसानों ने 4 लाख करोड़ का सस्ता कर्ज लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 3 करोड़ किसानों ने 4.22 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लोन मोराटोरियम की सुविधा ली है। इसके अलावा ब्याज पर छूट, फसलों पर इंसेंटिव को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इन पर लोन लिमिट 25 करोड़ होगी।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए, जो करीब 86 हजार 600 करोड़ रुपए का है। गांव में कॉओपरेटिव बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए की रिफाइनैसिंग की है। रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 4200 करोड़ रुपये मार्च 2020 तक दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 3 महीने में 86 हजार करोड़ के ऋण दिए गए हैं। इसके साथ ही, राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ की मदद की है।

निर्मला ने कहा कि कृषि उत्पादों के जरिए राज्य सरकारों ने किसानों की मदद की है। निर्मला ने कहा कि शहरी गरीबों के लिए 11 हजार करोड़ की मदद दी गई है। शहरी गरीबों को शेल्टर और खाना मुहैया कराया गया है।

श्रमिकों पर खास ध्यान, बढ़ाई गई न्यूनतम मजदूरी

निर्मला ने प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। मजदूरों के लिए एसडीआरएफ की इजाजत दी गई है। आरआडीएफ के तहत 4200 करोड़ रुपये की मदद दी गई है।

अब तक मनरेगा पर 10 करोड़ खर्च किया गया है। 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है। श्रमिकों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म करेंगे। मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़कार 202 रुपये कर दी गई है। मजदूरों की सालाना स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी। गांव के आधारभूत ढांचे के लिए 4200 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

गांव के  विकास के लिए 4200 करोड़ रुपये की राशि

केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि  कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700 करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है।