Suryakanta Vyas / जोधपुर की पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास का निधन- जीजी के नाम से मशहूर थीं

जोधपुर में जीजी के नाम से मशहूर पूर्व विधायक और भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं व्यास को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वे जमीनी नेता और जनप्रिय कार्यकर्ता थीं।

Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2024, 08:46 AM
Suryakanta Vyas: जोधपुर में जीजी के नाम से प्रसिद्ध पूर्व विधायक और भाजपा की वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह निधन हो गया। 87 वर्षीय सूर्यकांता व्यास लंबे समय से बीमार चल रही थीं और आज सुबह 7 बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें महात्मा गांधी हॉस्पिटल (MGH) ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने सवा सात बजे अंतिम सांस ली।

राजनीति में जीजी की यात्रा

सूर्यकांता व्यास ने अपनी राजनीतिक यात्रा पार्षद के रूप में शुरू की थी और 1990 में जोधपुर के पुराने शहर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। अपनी मेहनत और जनता के बीच गहरी पैठ के चलते उन्होंने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज की। इसके बाद, 2008 में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से भी वे विजयी रहीं, जहां से उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत और लोकप्रियता को और मजबूत किया।

2024 के चुनावों में नहीं मिली थी टिकट

हाल ही में, 2024 के चुनावों में सूर्यकांता व्यास को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनसे मुलाकात की थी, जिसने काफी चर्चा बटोरी। उनकी उम्र और सेहत के बावजूद, जीजी का जनता से जुड़ाव और सेवा का जज्बा कभी खत्म नहीं हुआ।

जनता के बीच लोकप्रियता और सम्मान

सूर्यकांता व्यास को जनता में बेहद सम्मान और प्यार मिला। उनका जनता से सीधा और गहरा संबंध था, और वे लोगों के सुख-दुख में हमेशा खड़ी रहती थीं। उनके निधन की खबर जैसे ही फैली, जोधपुर के लोग शोक में डूब गए और कई लोगों को इस खबर पर विश्वास नहीं हो रहा था। जीजी एक जमीन से जुड़ी नेता थीं, जिनकी मौजूदगी और काम करने की शैली ने उन्हें सभी दलों के नेताओं और आम जनता के बीच प्रिय बना दिया था।

अशोक गहलोत से खास रिश्ता

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सूर्यकांता व्यास को अपनी बड़ी बहन मानते थे। दोनों के बीच राजनीतिक विचारधारा में भिन्नता होते हुए भी आपसी सम्मान और रिश्ते की गहराई ने हमेशा सबका ध्यान खींचा। गहलोत के लिए यह व्यक्तिगत हानि भी है, क्योंकि वे हमेशा सूर्यकांता को बड़ी बहन का दर्जा देते थे। उनके निधन की खबर सबसे पहले शहर के विधायक अतुल भंसाली ने एक वॉइस मैसेज के जरिए साझा की।

जोधपुर की "जीजी" का योगदान

सूर्यकांता व्यास, जिन्हें जोधपुर में प्यार से "जीजी" कहा जाता था, ने अपने जीवनकाल में राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनकी सरलता, दृढ़ संकल्प और जनता के साथ जुड़ाव ने उन्हें एक आदर्श राजनेता बनाया। उनकी अनगिनत उपलब्धियां और जनता के लिए किए गए कार्य उनकी विरासत का हिस्सा बने रहेंगे।

निष्कर्ष

सूर्यकांता व्यास के निधन से जोधपुर और राजस्थान ने एक समर्पित और लोकप्रिय नेता खो दिया है। उनका राजनीतिक और सामाजिक योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। जीजी का सरल व्यक्तित्व, राजनीति के प्रति समर्पण और जनता की सेवा की भावना हमेशा याद की जाएगी।