लोकल न्यूज़/जयपुर / I.A.S इंद्र सिंह राव गिरफ्तार...जानिए क्यों

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को बारां जिले के पूर्व कलेक्टर इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार कर लिया। रिश्वतखोरी के मामले में एसीबी ने पूछताछ के लिए इंद्रसिंह राव को जयपुर बुलाया था। पूछताछ के बाद शाम 5 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। 9 दिसंबर को बारां में एसीबी कोटा की टीम ने इंद्रसिंह राव के पीए महावीर प्रसाद नागर को 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

Vikrant Shekhawat : Dec 23, 2020, 10:03 PM
  • 31 साल की नौकरी में 6 बार एपीओ और 1 बार सस्पेंड हो चुके हैं राव
  • बुधवार को पूछताछ के बाद एसीबी जयपुर ने किया अरेस्ट, कल की जाएगी कोटा की कोर्ट में पेशी

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को बारां जिले के पूर्व कलेक्टर इंद्रसिंह राव को गिरफ्तार कर लिया। रिश्वतखोरी के मामले में एसीबी ने पूछताछ के लिए इंद्रसिंह राव को जयपुर बुलाया था। पूछताछ के बाद शाम 5 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। 9 दिसंबर को बारां में एसीबी कोटा की टीम ने इंद्रसिंह राव के पीए महावीर प्रसाद नागर को 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इंद्रसिंह राव को एपीओ (पदस्थापन की प्रतीक्षा) कर दिया था। इस मामले में एसीबी ने इंद्रसिंह राव के खिलाफ भी रिश्वत लेने का केस दर्ज किया था।


                                                  जयपुर में एसीबी की गिरफ्त में पूर्व कलेक्टर इंद्रसिंह राव।
एसीबी के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि इंद्रसिंह राव को कल यानी गुरुवार को कोटा में एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा। 9 दिसंबर को छापेमारी के बाद एसीबी ने पीए महावीर नागर को गिरफ्तार करके कोटा की कोर्ट पेश किया था, जहां से उसे 24 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। नागर अभी जेल में है।


पीए ने कहा था- कलेक्टर राव के कहने पर ली रिश्वत:


गिरफ्तार पीए महावीर नागर ने पूछताछ में खुलासा किया था कि उसने 1.40 लाख रुपए की रिश्वत पेट्रोल पंप की NOC जारी करने की एवज में कलेक्टर के लिए ली थी। उसने यह भी कहा था कि इतनी बड़ी रिश्वत कोई मुझे क्यों देगा? मैंने कलेक्टर के कहने पर रिश्वत ली। पीए की गिरफ्तारी के बाद 9 दिसंबर की रात ही एसीबी ने इंद्रसिंह राव से 10 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान कलेक्टर और पीए को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की थी। इसके बाद राव के खिलाफ एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। एसीबी ने उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था।


सवालों के जवाब नहीं दिए, मोबाइल में भी मिले सुराग:


पीए की गिरफ्तारी के बाद ही एसीबी ने इंद्रसिंह राव पर शिकंजा कस दिया था। उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था। एसीबी सूत्रों ने बताया कि मोबाइल में भी रिश्वतखोरी के सबूत मिले। इसके साथ ही, पूछताछ में एसीबी के सवालों के जवाब नहीं दे पाए। ज्यादातर सवालों का उन्होंने जवाब नहीं दिया। इंद्रसिंह राव ने 25 दिसंबर 2018 में बारां में ज्वाइनिंग की थी। 25 दिसंबर को कलेक्टर का दो साल का कार्यकाल पूरा होना था।


31 साल की नौकरी में 6 बार एपीओ और एक बार सस्पेंड हो चुके राव:


इंद्र सिंह राव (58) मूलत: राजस्थान प्रशासनिक सेवा 1989 बैच के अफसर हैं। 31 साल के कार्यकाल में राव अब तक छह बार अलग-अलग कारणों से एपीओ किए जा चुके हैं। इसमें करप्शन के भी मामले हैं। एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। 4 साल पहले ही उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट किया गया था। उसके तुरंत बाद उन्हें राजस्व मंडल में भाजपा सरकार ने लगा दिया था। राव 1999 में पहली बार एपीओ किए गए। फिर 2004, 2005, 2008, 2011 और अब 2020 में छठी बार एपीओ किए गए। बतौर कलेक्टर बारां में उनकी पहली पोस्टिंग थी। इससे पहले कलेक्टर रेवन्यू बोर्ड अजमेर में सदस्य थे।