PM Narendra Modi / '2 साल में जहां-जहां चुनाव वहां विपक्ष को हराएंगे'- NDA की बैठक में पीएम मोदी का ऐलान

दिल्ली में गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण संपन्न हुआ, जिसमें पीएम मोदी समेत कई भाजपा और एनडीए नेता मौजूद रहे। शपथ के बाद बैठक में पीएम मोदी ने आगामी चुनावों में विपक्ष को हराने का संकल्प दोहराया। 2025-2027 तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।

PM Narendra Modi: दिल्ली में गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई शीर्ष नेता और एनडीए (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे। इस भव्य समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें आगामी चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई।

NDA की एकजुटता पर जोर

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने बैठक में मौजूद नेताओं से कहा कि आगामी दो वर्षों में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां एनडीए विपक्ष को पराजित करेगा और सत्ता में वापसी करेगा।

बैठक में एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को विश्वास दिलाया कि महाराष्ट्र और दिल्ली की तर्ज पर हर राज्य में एनडीए मजबूती से चुनाव लड़ेगा और विजय हासिल करेगा।

आगामी चुनावों की सूची

एनडीए की बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा की गई।

  1. साल 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव का आयोजन होगा। यह चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम रहेगा, क्योंकि बिहार में एनडीए और विपक्षी दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

  2. साल 2026: असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इन राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।

  3. साल 2027: इस वर्ष गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और गुजरात भाजपा के गढ़ माने जाते हैं, जहां पार्टी अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए रणनीतिक कदम उठाएगी।

राजनीतिक रणनीति और चुनौतियाँ

एनडीए की बैठक में आगामी चुनावों को लेकर रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। इसमें चुनावी प्रचार, गठबंधन सहयोगियों के साथ समन्वय, और विपक्षी दलों की रणनीति का विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले चुनावों में भाजपा को क्षेत्रीय दलों की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में, जहां पार्टी की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है। हालांकि, पीएम मोदी और भाजपा नेतृत्व का भरोसा इस बात पर है कि एनडीए की एकता और विकासपरक एजेंडा उन्हें जीत की ओर ले जाएगा।

निष्कर्ष

दिल्ली में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद हुई इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और आगामी चुनावों के लिए कमर कस चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन अगले दो वर्षों में विभिन्न राज्यों में चुनावी विजय सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगा। अब देखना यह होगा कि विपक्ष इन चुनावों में किस प्रकार की रणनीति अपनाता है और एनडीए उसे कैसे चुनौती देता है।