CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता समाजवादी विचारधारा से हटकर अब सनातन धर्म को अपनाने लगे हैं। इस चर्चा में कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें 98 सदस्य सत्ता पक्ष के और 48 सदस्य विपक्ष के थे।
सनातन धर्म पर विपक्ष का बदला रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "यह देखकर अच्छा लगा कि विपक्ष के नेता अब सनातन धर्म को स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के सदस्यों को भी इस बारे में बताया।"
संविधान और विपक्ष का दोहरा रवैया
सीएम योगी ने विपक्ष की संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे राज्यपाल के प्रति अपने व्यवहार और टिप्पणियों में असंवैधानिक रवैया अपनाते हैं। उन्होंने कहा, "आप हमेशा संविधान को अपने साथ लेकर चलते हैं, लेकिन क्या राज्यपाल के प्रति आपका व्यवहार संवैधानिक है? अगर यह संवैधानिक है, तो फिर असंवैधानिक क्या है?"
उन्होंने समाजवादी पार्टी की विचारधारा पर प्रहार करते हुए कहा, "आप लंबे-लंबे भाषण देते हैं, लेकिन अगर कोई आपकी असली सोच और भाषा देखना चाहता है, तो उसे समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल की जांच करनी चाहिए। आप दूसरों को उपदेश देते हैं, लेकिन आत्मनिरीक्षण करने में विफल रहते हैं।"
महाकुंभ और सनातन धर्म पर सीएम की बात
सीएम योगी ने महाकुंभ और अयोध्या को लेकर विपक्ष के बदले हुए दृष्टिकोण पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि विपक्ष ने अब महाकुंभ और अयोध्या को स्वीकार कर लिया है। हकीकत यह है कि समाजवादियों को धर्म की याद तभी आती है जब वे खुद को राजनीतिक अस्तित्व के आखिरी पड़ाव पर पाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "इस बार आपने महाकुंभ में हिस्सा लिया, डुबकी लगाई और व्यवस्थाओं की तारीफ भी की। अगर महाकुंभ में विश्वस्तरीय सुविधाएं नहीं होतीं तो 63 करोड़ श्रद्धालु कैसे आते? 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ से अधिक हो जाएगी।"
भारत में सनातन धर्म की स्थिति
सीएम योगी ने भारत में सनातन धर्म की मजबूत उपस्थिति को दोहराते हुए कहा कि देश की 144 करोड़ आबादी में से 110 करोड़ लोग सनातन परंपराओं का पालन करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार सनातन धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म, जैन धर्म और अन्य आध्यात्मिक संप्रदायों के पुनरुद्धार की दिशा में काम कर रही है।
विपक्ष के आरोपों का खंडन
महाकुंभ में एक खास समुदाय को प्रवेश से रोके जाने के आरोपों पर सीएम योगी ने कहा, "किसी को नहीं रोका गया। अगर कोई व्यवस्था को बाधित करता है, तो उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाती। समाजवादी पार्टी के पास कभी भी सनातन धर्म के लिए कोई श्रद्धा नहीं रही, यही वजह है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुंभ की देखरेख के लिए एक गैर-सनातन अधिकारी को नियुक्त किया। इसके विपरीत, मैंने व्यक्तिगत रूप से आयोजन की देखरेख की।"
उन्होंने कहा, "यही कारण है कि उन्हें महाकुंभ में गंदगी दिखी, जबकि वास्तविकता बिल्कुल अलग थी।" मुख्यमंत्री के इस बयान ने विपक्ष की कार्यशैली और उनके बदले हुए दृष्टिकोण पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
निष्कर्ष
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में धर्म और संस्कृति एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। विपक्ष का बदला हुआ रवैया और योगी सरकार की नीतियां राज्य की राजनीतिक दिशा को नए आयाम दे रही हैं। ऐसे में आने वाले चुनावों में यह विषय कितना प्रभावी रहेगा, यह देखने योग्य होगा।