Vikrant Shekhawat : Aug 25, 2020, 06:27 PM
पाली (Rajasthan) | दोस्त की पत्नी से बढ़ती नजदीकियां एक व्यक्ति को इतनी नागवार गुजरी कि उसने अपने मित्र की सुपारी देकर हत्या करवा दी। राजस्थान के पाली जिले के फालना कस्बे में पांच दिन पहले हुई हत्या के मामले में हुए राजफाश में पूरी कहानी अवैध संबंधों के शक से शुरू होकर पेशेवर हत्यारों तक पहुंची है। पुलिस ने साजिशकर्ता और हत्या के सहयोगी को गिरफ्तार भी किया है। कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है।पाली के एसपी राहुल कोटकी ने बताया कि 20 अगस्त 2020 को पाली जिले के कस्बा फालना में फालना से साण्डेराव जाने वाले रोड पर शिवम टी स्टाल पर बैठकर चाय पी रहे फालना में रेल्वे टिकट बुकिंग व मोबाईल एसेसरीज विक्रय का कार्य करने वाले कानसिहं पुत्र घीसुसिहं सिसोदिया रावणा राजपूत निवासी विजय नगर फालना की बाइक पर आए अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या की सूचना पर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस टीमों की मेहनथ और सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किए जाने के बाद कानसिंह से रंजिश रखने वालों की जानकारियां गोपनीय रूप से प्राप्त की गई। कई कड़ियां जुड़ने पर खुलासा हुआ कि भरत पुत्र नवलदास वैष्णव हाल जावेरी बाजार मुम्बई निवासी ने दस लाख रुपए में कानसिंह की हत्या के लिए सुपारी दी और सिरोही के कुछ युवकों ने इस वारदात को पैसे लेकर अंजाम दिया।टिकट बुकिंग से शुरू हुई कहानीएसपी कोटकी ने बताया कि मृतक फालना स्टेशन के पास रेल्वे के टिकट बुकिंग व रिजर्वेशन का काम करता था। मुख्य आरोपी भरत वैष्णव व उसकी पत्नी और परिवार मुम्बई से फालना जरिए ट्रेन आते-जाते रहते थे। वे टिकट बुकिंग कानसिंह के माध्यम से करवाते थे। भरत और कानसिंह के बीच अच्छे संबंध बन गए और पारीवारिक आवागमन के साथ जमीन के सौदे भी साथ मिलकर हुए। इसी दौरान भरत एवं मृतक कानसिहं सिसोदिया के मध्य संबंध गहराने लगे। भरत वैष्णव को शक होने लगा तथा उसे उसके नजदीकी लोगों के माध्यम से भी मृतक कानसिहं से उसकी पत्नि के नजदीकी संबंधों की जानकारी मिलने पर उसने अपनी पत्नि से झगड़ा किया। यही नहीं उसने कान सिंह से भी वाद—विवाद और हत्या की धमकी दी।आठ माह पहले रच दी थी साजिश
भरत मूलत: नोवी गांव का रहने वाला है। उसने ने इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में, जब वह मुम्बई से अपने गांव नोवी आया हुआ था। तभी इसकी साजिश रची। सिरोही जिले के मोछाल निवासी अरविंदकरण सिंह को कानसिंह की हत्या के बाबत तैयार किया और पांच लाख रुपए की अग्रिम रकम बतौर सुपारी दी। अरविंद ने 1 माह में वारदात को अंजाम देने का भरोसा दिया। अरविंद खुद के फोन से भरत से संपर्क नहीं कर रिश्तेदार ईश्वरसिंह पुत्र नरपतसिंह के माध्यम से बात करता था। लम्बे समय तक काम नहीं होने पर भरत ने नाराजगी जताई तो अरविंदकरण ने 19 अगस्त को एक दो दिन में काम करने की बात कही और बाकी पेमेंट की व्यवस्था रखने को कहा। 20 अगस्त को उसने कान सिंह सिसोदिया की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने ईश्वरसिंह और भरत वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी है तलाश
इस घटनाक्रम में अनुसंधान से आरोपी अरविन्दकरण सिहं नि. मोछाल (सिरोही), धर्मा उर्फ धर्मेष पुत्र केसाराम निवासी सुमेरपुर एवं जुबेर जई पुत्र मुर्तजा खां निवासी शिवगंज हाल जालौर दो अन्य सह आरापियों की तलाश जारी है।
भरत मूलत: नोवी गांव का रहने वाला है। उसने ने इसी वर्ष जनवरी-फरवरी में, जब वह मुम्बई से अपने गांव नोवी आया हुआ था। तभी इसकी साजिश रची। सिरोही जिले के मोछाल निवासी अरविंदकरण सिंह को कानसिंह की हत्या के बाबत तैयार किया और पांच लाख रुपए की अग्रिम रकम बतौर सुपारी दी। अरविंद ने 1 माह में वारदात को अंजाम देने का भरोसा दिया। अरविंद खुद के फोन से भरत से संपर्क नहीं कर रिश्तेदार ईश्वरसिंह पुत्र नरपतसिंह के माध्यम से बात करता था। लम्बे समय तक काम नहीं होने पर भरत ने नाराजगी जताई तो अरविंदकरण ने 19 अगस्त को एक दो दिन में काम करने की बात कही और बाकी पेमेंट की व्यवस्था रखने को कहा। 20 अगस्त को उसने कान सिंह सिसोदिया की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने ईश्वरसिंह और भरत वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी है तलाश
इस घटनाक्रम में अनुसंधान से आरोपी अरविन्दकरण सिहं नि. मोछाल (सिरोही), धर्मा उर्फ धर्मेष पुत्र केसाराम निवासी सुमेरपुर एवं जुबेर जई पुत्र मुर्तजा खां निवासी शिवगंज हाल जालौर दो अन्य सह आरापियों की तलाश जारी है।