Parliament Session / पेपर लीक-चीटिंग पर 1 करोड़ रुपए जुर्माना व 10 साल जेल- बिल लोकसभा से पास

सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल करने पर आरोपियों को अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार (6 फरवरी) को इन पर रोक लगाने के लिए पब्लिक एग्जामिनेशन (गलत साधनों की रोकथाम) बिल पास कर दिया। अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। यह बिल कानून बनता है तो पुलिस को बिना किसी वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी और इन अपराधों को समझौते

Vikrant Shekhawat : Feb 06, 2024, 08:47 PM
Parliament Session: सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल करने पर आरोपियों को अधिकतम 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए जुर्माना देना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने मंगलवार (6 फरवरी) को इन पर रोक लगाने के लिए पब्लिक एग्जामिनेशन (गलत साधनों की रोकथाम) बिल पास कर दिया। अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। यह बिल कानून बनता है तो पुलिस को बिना किसी वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी और इन अपराधों को समझौते से नहीं सुलझाया जा सकेगा। हालांकि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले उन बच्चों को टारगेट नहीं किया जाएगा, जो जानबूझकर इसमें शामिल नहीं होते हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा- पब्लिक एग्जामिनेशन बिल में क्वेश्चन और आंसर सीट के लीक होने, डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से कैंडिडेट का सहयोग करने जैसे अपराध शामिल किए गए हैं।

इसके अलावा चीटिंग और गलत तरीके से पैसे कमाने के लिए फेक वेबसाइट बनाने, फर्जी एग्जाम्स कराने के लिए नकली एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करने जैसे गैर-कानूनी काम को भी इस बिल में शामिल किया गया है।

बिल के दायरे में केंद्र सरकार से जुड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं

बिल कानून का रूप ले लेता है तो UPSC, SSC, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग, NEET-मेडिकल और इंजीनियरिंग समेत कई परीक्षाएं इसके दायरे में रहेंगी। ये बिल 10वीं या 12वीं की परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही ये राज्यों की परीक्षाओं पर भी लागू नहीं होगा, क्योंकि कई राज्यों में नकल को लेकर अपने कानून हैं।

जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों में आरक्षण पर चर्चा हुई

इसके पहले संसद के बजट सत्र के पांचवें दिन यानी मंगलवार को सदन की कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के स्थानीय चुनावों (नगर निगम और पंचायत) में आरक्षण पर चर्चा से शुरू हुई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार 5 फरवरी को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर लोकल बॉडीज लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2024 पेश किया था।

इधर, राज्यसभा में कंसीडरेशन द कॉन्स्टीट्यूशन (शेड्यूल्ड ट्राइब्स) ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2024 और कॉन्स्टीट्यूशन (शेड्यूल्ड कास्ट्स एंड शेड्यूल्ड ट्राइब्स) ऑर्डर्स (अमेंडमेंट) बिल 2024 पर चर्चा शुरू हुई।

वहीं, लोकसभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया कि हमारी सरकार लगातार महिलाओं को प्रोत्साहन दे रही है। सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस (CAPFs) और असम राइफल्स में 41 हजार 606 महिला जवान तैनात है।

सरकार ने अब तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीख नहीं बताई- नेशनल कॉन्फ्रेंस

बिल पर चर्चा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि सरकार ने अब तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख तय नहीं की है। आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाने की अंतिम सीमा तय कर दी थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया, ये शर्म की बात है।

उधर, TMC के सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि भाजपा को स्थानीय निकाय चुनावों पर विश्वास ही नहीं है। सरकार को जम्मू-कश्मीर में जल्दी चुनाव कराने चाहिए। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जो हुआ, उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में बात कही है।

संसद में ED के एक्शन की भी गूंज

विपक्षी सांसदों के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई की भी चर्चा रही। मंगलवार 6 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के प्राइवेट सेक्रेटरी, AAP सांसद समेत पार्टी के 10 ठिकानों पर ED की रेड हुई। हाल ही में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ED गिरफ्तार किया था।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा- ED जरूरत से ज्यादा काम कर रही है। उन्हें डिपार्टमेंट में नई भर्तियां भी करनी चाहिए, ताकि चुनाव से पहले हर विपक्षी नेता पर छापा मारा जा सके।