Maharashtra Election 2024 / ये संविधान खाली नहीं, पढ़ने वाले जानते हैं... महाराष्ट्र में BJP पर राहुल ने कसा तंज

महाराष्ट्र के नंदुरबार में एक जनसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संविधान और आदिवासी मुद्दों पर बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने संविधान के सम्मान और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया। राहुल ने जातीय जनगणना और महाराष्ट्र की सरकार की नीतियों को भी निशाना बनाया।

Vikrant Shekhawat : Nov 14, 2024, 02:20 PM
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के नंदुरबार में आयोजित जनसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संविधान और आदिवासी मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि दो अलग विचारधाराओं का संघर्ष है। उन्होंने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन का समर्थन करते हुए कहा कि देश को संविधान के अनुसार चलाना चाहिए, जबकि बीजेपी संविधान की उपेक्षा करती है और उसे "कोरा" कहती है।

संविधान पर पीएम मोदी को सीधा चुनौती

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान को खाली या निष्प्रभावी मानना गलत है। राहुल ने कहा, “संविधान में गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की आवाज है। शायद मोदी जी को यह समझ में नहीं आता कि इसमें क्या लिखा है, क्योंकि उन्होंने इसे पढ़ा ही नहीं।” यह तंज बीजेपी पर इस आरोप के तहत था कि वे संविधान की मूल भावना का आदर नहीं करते।

‘कवर के रंग से फर्क नहीं पड़ता’

राहुल गांधी ने उन आरोपों का भी जवाब दिया जिसमें उन पर संविधान की "लाल किताब" दिखाने का तंज कसा गया था। राहुल ने स्पष्ट किया कि संविधान का कवर लाल हो या किसी भी अन्य रंग का, असली मूल्य इसके अंदर लिखे शब्दों में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान की रक्षा के लिए हर संघर्ष करने को तैयार है, चाहे इसके लिए जान क्यों न देनी पड़े।

आदिवासियों के अधिकारों पर जोर

राहुल गांधी ने आदिवासी मुद्दों को उठाते हुए कहा कि "आदिवासी" शब्द का मतलब भारत के पहले निवासी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का अधिकार है, जिसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा जैसे नेताओं ने अंग्रेजों से लड़कर हासिल किया। राहुल ने बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आदिवासियों को "वनवासी" कहते हैं। राहुल के अनुसार, “आदिवासी का मतलब भारत का मूल निवासी है, जबकि वनवासी शब्द उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर उन्हें केवल जंगलों का वासी मानता है।”

जातीय जनगणना की मांग

राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग को दोहराया और इसे आदिवासियों के उत्थान के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने सवाल किया कि आदिवासियों की भलाई के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं में उनकी कितनी भागीदारी है। उन्होंने कहा कि देश की संपदा पर आदिवासियों का अधिकार है और जातीय जनगणना से उनकी सही स्थिति का पता चल सकेगा।

महाराष्ट्र सरकार पर भी प्रहार

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की सरकार पर आरोप लगाया कि वह यहां के रोजगार देने वाले प्रोजेक्ट्स को अन्य राज्यों में भेजती है, जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। राहुल गांधी ने कई प्रोजेक्ट्स का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सबके कारण महाराष्ट्र के करीब 5 लाख युवाओं का रोजगार छिन गया है, जो यहां की बेरोजगारी का बड़ा कारण है।

निष्कर्ष

राहुल गांधी का यह भाषण आदिवासी अधिकार, संविधान की रक्षा, और महाराष्ट्र के विकास जैसे मुद्दों पर आधारित था। उनके शब्दों में संविधान के प्रति आदर और इसके आदर्शों की रक्षा करने का आह्वान था। इस सभा में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई विचारधारा की है, जहां एक पक्ष संविधान और जनहित की बात करता है, तो दूसरा पक्ष इन्हें नजरअंदाज करता है।