Vikrant Shekhawat : Sep 19, 2024, 03:41 PM
Amit Shah News: हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर निशाने पर लिया। आसिफ ने अनुच्छेद 370 की बहाली के संदर्भ में कहा था कि पाकिस्तान कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ है। यह बयान भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर गया है, जिसमें अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस को 'एक्सपोज' किया।कांग्रेस और पाकिस्तान के 'इरादे'अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और एनसी के समर्थन की बात ने एक बार फिर कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है।" उनका यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे समान हैं। शाह का यह भी कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में राहुल गांधी ने देशवासियों की भावनाओं को आहत किया है और हमेशा भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं।राहुल गांधी की भूमिकागृह मंत्री ने राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, "कांग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है।" शाह का यह तर्क यह दर्शाता है कि कांग्रेस की नीतियाँ और उनके नेता किसी न किसी रूप में पाकिस्तान की सोच के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार के तहत अनुच्छेद 370 की वापसी संभव नहीं है, और न ही आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाएगा।एनसी का प्रतिक्रियाख्वाजा आसिफ के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है। उमर अब्दुल्ला ने कहा, "पाकिस्तान से हमें क्या लेना देना, वो अपने देश को देखें।" उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका ध्यान अपने देश पर है, न कि पाकिस्तान की राजनीति पर। वहीं, एनसी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे भारत के नागरिक हैं और उन्हें पाकिस्तान की बातों से कोई लेना-देना नहीं है।ख्वाजा आसिफ का बयानपाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A की बहाली संभव है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों की महत्वपूर्ण मौजूदगी है, और कश्मीर घाटी के लोग इस मुद्दे को लेकर बेहद मोटिवेटेड हैं।" उनके बयान ने भारतीय राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर आगे क्या प्रतिक्रियाएँ आती हैं।निष्कर्षगृह मंत्री अमित शाह का कांग्रेस पर यह हमला इस बात का प्रतीक है कि भारत-पाकिस्तान के बीच की राजनीतिक खाई केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि आंतरिक राजनीति में भी गहरी है। ख्वाजा आसिफ के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय राजनीति में पाकिस्तान का नाम लेना हमेशा से विवाद का कारण बनता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर किस प्रकार की रणनीति अपनाती है और क्या यह बयानों की अदला-बदली आगे भी चलती है।