Vikrant Shekhawat : Sep 03, 2019, 06:03 PM
प्रदेश में एक बार फिर से आनन्दपाल मामले का जिन्न जाग गया है। डीडवाना एडीजे कोर्ट ने बहुचर्चित खेराज हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए आनन्दपाल के सगे भाई मनजीतसिंह, अनिल माली, व सुरेन्द्र उर्फ सूर्या को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले में 38 लोगों की गवाई के बाद यह फैसला आया है। लाडनूं के पास खेराज की हत्या कर दी गई थी, मामला करीब 18 साल पुराना है। इसमें मुख्य अपराधी आनन्दपालसिंह समेत तीन जनों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि इस मामले में मुख्य गवाह महीप पटेल का अपहरण किया गया था और उसके बाद उसने बयान बदल दिए थे। हालांकि कोर्ट ने महीप के पुराने बयानों को आधार मानते हुए फैसले को सुनाया है।
सनद रहे कि आनन्दपाल ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर 2001 में खेराज जाट की चाकुओं से गोदकर आसोटपूरा गांव के समीप हत्या कर दी। मामले में आनंदपाल और उसके भाई मंजीतसिंह सहित छह आरोपी थे जिनमें से तीन लोगों की फैसला आने के बीच मौत हो चुकी है।
अपराध / अपराध जगत का डॉन ही सही, फिर तेरी कहानी तो याद आई आनन्दपाल!
खेराज हत्याकांड से कुख्यात हुई आनन्दपाल गैंग
बताया जाता है कि आनन्दपाल ने बीएड करने के बाद सीमेंट की एजेंसी ली, लेकिन वह प्रभावी ढंग से चल नहीं पाई। बाद में उसने प्रधान का चुनाव लड़ा। इससे राजनीतिज्ञों ने उसके खिलाफ साजिश रची और इसी दौरान उसकी अपने अभिन्न मित्र जीवनराम गोदारा से शत्रुता हो गई। इसके बाद ही इसने खेराज हत्याकांड को अंजाम दिया। मामला लगातार 18 साल तक डीडवाना कोर्ट में चला। इस मामले में आनन्दपाल पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है और मंजीतपाल अजमेर जेल में बंद है। अन्य दो अपराधी जमानत पर हैं। जिन्हें गिरफ्तार करके अजमेर केन्द्रीय कारागार में स्थानांतरित किया जाएगा।