कांग्रेस में अंतर्कलह / BJP प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां का मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना, कहा, क्या सत्ता खोने का भय बुद्धि को भी हर लेता है

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने वक्तव्य जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में युवाओं की उपेक्षा हो रही है और प्रभावी बुजुर्ग नेताओं का अपमान होता रहा हैं पूनिया ने कहा कि माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट के साथ भी अच्छा नहीं हुआ और अब ज्योतिरादित्या और पायलट के साथ भी वही हुआ। पायलट ने पांच साल तक गांव—गांव जाकर पार्टी को खड़ा किया, मेहनत की...

Vikrant Shekhawat : Jul 13, 2020, 02:29 PM

पूरा घटनाक्रम कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और अंतर्कलह का कारण है: डॉ. सतीश पूनियां

जयपुर | भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने वक्तव्य जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है। डॉ. पूनियां ने कहा कि क्या सत्ता खोने का भय बुद्धि को भी हर लेता है, प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वयं को और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सहित अन्य विधायकों एवं मंत्रियों को पुलिस धारा 160 के अंतर्गत दिए गए नोटिस जिसमें राज्य सरकार को राज्यसभा चुनाव के दौरान अस्थिर करने की साजिश के अंतर्गत 124A एवं 120B के नोटिस पर अनुसंधान हेतु बयान के लिए तलब किया है, बेहद हास्यास्पद एवं अपरिपक्व निर्णय जैसा लगता है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में युवाओं की उपेक्षा हो रही है और प्रभावी बुजुर्ग नेताओं का अपमान होता रहा हैं पूनिया ने कहा कि माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट के साथ भी अच्छा नहीं हुआ और अब ज्योतिरादित्या और पायलट के साथ भी वही हुआ। पायलट ने पांच साल तक गांव—गांव जाकर पार्टी को खड़ा किया, मेहनत की, लेकिन उनके साथ धोखा हुआ।

डॉ. पूनियां ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं पूरा पुलिस महकमा उनके अधीन आता है, उनका एक आधिकारी स्वयं के गृहमंत्री को नोटिस देता है, क्या ये पुलिस के अपने विवेक से हो रहा है, यदि पुलिस इतनी सतर्क थी तो यह राज्यसभा चुनाव के दौरान भी हो सकता था, जब मुख्यमंत्री ने 35 करोड़ में विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए थे और जांच ACB और SOG को दी, चुनाव निकल गए पुलिस कुछ स्थापित नहीं कर पाई और जब विपक्ष द्वारा बार बार जवाब मांगा जाने लगा तो आनन फानन में एक एफआईआर दर्ज होती है और दो सामान्य लोगों की बातचीत को सरकार गिरने का आधार बनाया। 

उन्होंने कहा कि, राजद्रोह का 124 A का मामला दर्ज करते हैं, ज्ञात की रिपोर्ट में बातचीत का हवाला 13 जून का है और कांग्रेस कि बाड़ाबंदी 9 जून को हो जाती है, ऐसे में सरकार के बाड़े में से निकलकर कोई सरकार कैसे गिराएगा, दूसरा शायद कांग्रेस अपनी कमजोरी खुद स्वीकार कर रही है कि दो सामान्य लोग उनकी सरकार गिरा सकते हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पूनियां ने कहा कि, अब तो यह पूरा घटनाक्रम को कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और अंतर्कलह का कारण है। भाजपा को बार बार बीच में घसीटना जनता का ध्यान बांटने एवं खुद सहानुभूति बटोरने के लिए ऐसा किया वरना क्या यह संभव है कि 1870 में ब्रिटिश हुकूमत ने तो राजद्रोह का कानून बनाया भारतीयों के खिलाफ उसी कानून के कारण यंग इंडिया में लिखने के कारण महात्मा गांधी जी पर राजद्रोह का मुकदमा चला तो राजस्थान में 'गांधी' ने ऐसा क्यों किया।

उन्होंने कहा कि, प्रश्न है कि वो भी तब जब 2019 में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में 124 ए को खत्म करने का वादा किया गया था क्योंकि हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार जैसे आराजक तत्वों पर जब इस कानून का उपयोग हुआ तो सबसे पहले इनके समेत टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ कांग्रेस है, इस अंग्रेज़ी कानून को खत्म करने के लिए आगे आईं थी। आज ऐसी राजस्थान में किसी जनविद्रोह की ना लेखनी से ना वाणी से न निजी कृत्य से ऐसी संभावना है। तो क्या केवल अपनी ही पार्टी (कांग्रेस) के अंतर्विरोध को राजद्रोह से जोड़ा जा सकता है? इस तरीक़े का कृत्य निश्चित रूप से बार बार लोकतंत्र की दुहाई देनेवालों के अंग्रजी हुक़ूमत को याद दिलाते हैं।