पंचायत चुनाव 2020 / बुंदी: 46 पंचायतों में 25 महिला सरपंच चुनी गईं, 82% वोटिंग

बुंदी के केशवरायपाटन पंचायत समिति की 46 ग्राम पंचायतों के बाशिंदो ने शुक्रवार को अपनी सरकार बड़ी शांति से चुनी। कहीं पत्ता भी नहीं खड़का और वोट भी झोलीभर कर डाले। 46 पंचायतों में कुल 81.89% वोट पड़े। शनिवार तक एग्जेक्ट फिगर आने पर वोट प्रतिशत में मामूली अंतर आ सकता है। शाम 5 बजे मतदान खत्म करने का वक्त था, पर लंबी लाइनों के कारण कई बूथों पर रात 8 बजे बाद भी वोट डाले जाते रहे।

Vikrant Shekhawat : Jan 18, 2020, 01:42 PM
बुंदी: केशवरायपाटन पंचायत समिति की 46 ग्राम पंचायतों के बाशिंदो ने शुक्रवार को अपनी सरकार बड़ी शांति से चुनी। कहीं पत्ता भी नहीं खड़का और वोट भी झोलीभर कर डाले। 46 पंचायतों में कुल 81.89% वोट पड़े। शनिवार तक एग्जेक्ट फिगर आने पर वोट प्रतिशत में मामूली अंतर आ सकता है। शाम 5 बजे मतदान खत्म करने का वक्त था, पर लंबी लाइनों के कारण कई बूथों पर रात 8 बजे बाद भी वोट डाले जाते रहे। यही वजह है कि शाम 5 बजे तक मतदान 73.19% था, जो लगभग 9% और बढ़ गया। मतदाता संयत-अनुशासित थे। नारेबाजी-विवाद नजर नहीं आया। पहले सरपंचों के नतीजे आने शुरू हुए, जो देररात तक चलते रहे, फिर पंचों की बारी आई। कड़ाके की सर्दी के बावजूद गांवों में नतीजे जानने के लिए गहमागहमी रही। काउंटिंगस्थल के बाहर लोग अलाव तापते हुए नतीजों का इंतजार करते रहे। जीत-हार की सूचना मिलते ही किसी खेमे में खुशी तो किसी में गम पसर जाता। विजेताओं ने ढोल बजाए, नाचते-गाते जुलूस निकाले।

धूप निकलते ही पोलिंग में भी आई गर्माहट, मतदाताओं की लगी भीड़

सुबह तेज सर्दी और कोहरे के कारण पोलिंग ठंडी रही। 10 बजे बाद सूरज निकला, पोलिंग में गर्मी आने लगी, बूथों पर लाइनें बढ़ने लगीं। गांवों में चुनावी रंग भी देखने को मिला। कहीं महिलाएं सजधज कर गीत गाती हुई पहुंची। कहीं ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर लोग पोलिंग बूथ पर पहुंचे। बुजुर्ग खाट या स्ट्रेचर से बूथ पर वोट डालने पहुंचे। सरपंच प्रत्याशी और समर्थक एक-एक वोट को घर से निकालने में जुटे रहे। दूसरे राज्यों में काम कर रहे लोग भी वोट देने अपने गांव लौटे। केपाटन पंस के 185 बूथों पर 46 सरपंच और 344 वार्डपंच चुनने के लिए वोट डाले गए।

पोलिंग ट्रेंड पर गौर करें तो सुबह 8 बजे पोलिंग शुरू होने से 10 बजे तक 2 घंटे में महज 8.20% वोट पड़े थे। इस वक्त तेज सर्दी, कोहरा था, महिलाएं सुबह का घर का काम निबटाने में व्यस्त थीं, ऐसे में वोटिंग कम हुई। 10 बजे बाद धूप खिल गई, काम निबटा तो महिलाएं भी घर से निकल पड़ी। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के 2 घंटे में 16.97% पोलिंग हुई। दोपहर 12 से 3 बजे 3 घंटे के बीच 26% और दोपहर 3 से 5 बजे के बीच 22% पोलिंग हुई। दाेपहर 12 से 3 बजे के बीच 3 घंटे की और दोपहर 3 से शाम 5 बजे की 2 घंटे की पोलिंग का औसत देखें तो अंतिम पारी में ज्यादा पोलिंग हुई। आखिरी वक्त में प्रत्याशियों ने एक-एक वोट घर से निकाला, साथ ही नौकरीपेशा या मजदूरी से लौटे लोगों ने भी इसी वक्त वोट डाला।