चूरू शहर में गुरुवार को आए जबर्दस्त रेतीले तूफान (Sandstorm) से महज 5 से 7 मिनट में दिन में ही रात (Night) हो गई । करीब 70 किलामीटर प्रति घंटे की ज्यादा रफ्तार से आये रेतीले तूफान के कारण शहर में दोपहर में ही पूरी तरह से अंधेरा छा गया और दृश्यता शून्य (Visibility zero) हो गई । स्थानीय भाषा में काली-पीली आंधी कही जाने वाले इस तूफान के कारण वाहन चालकों को दिन में भी लाइट जलानी पड़ी ।
सरदारशहर और रतनगढ़ में भी उठा रेतीला गुबार
शहर में मौसम में यह बदलाव दोपहर करीब 11.45 बजे पर आया । उत्तरी-पश्चिमी दिशा से अचानक रेत का विशालकाय गुब्बार उठा । आसमान में उमड़े रेत के तूफानी बवंडर ने देखते ही देखते पूरे शहर को अपनी आगोश में ले लिया । यह रेतीला तूफान इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिल पाया । तेज हवाओं के साथ दिन में रात हो गयी। रेत भरे तूफान ने सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों की स्पीड को ब्रेक लगा दिए । वाहन चालक जहां थे वहीं ठहर गए और लाइटें जला लीं । जिले के सरदारशहर और रतनगढ़ में भी तेज तूफानी हवाएं चलीं वहां भी धूल का जबर्दस्त गुबार देखा गया है ।