Vikrant Shekhawat : Jun 18, 2022, 09:04 PM
राजस्थान के कोटा जिले में एक महीने तक धारा-144 लगाने का निर्णय लिया गया है। कोटा जिला कलेक्टर हरीमोहन मीणा ने जिले में सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने और असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से शनिवार को धारा-144 लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश रविवार 19 जून को सुबह 6 बजे से से 18 जुलाई की रात 12 बजे तक लागू रहेगा। इस आदेश का पालन कोटा शहर और ग्रामीण इलाकों में कराया जाएगा।
जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए जिले में ये कदम उठाया गया है।
एक जगह एक6ित नहीं हो सकते लोग जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जिले की सीमा में कहीं भी 5 या 5 से अधिक लोग एक साथ इकठ्ठा नहीं हो सकते हैं। इसके साथ ही कोई भी संगठन, संस्था या समुदायिक सभा का आयोजन नहीं होगा और ना ही कहीं भी जुलूस या प्रदर्शन होगा। साथ ही जिले में किसी भी बाहरी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक व्यक्तियों का आगमन बिना प्रशासन की अनुमति नहीं होगा। धारा-144 की पालना कठोरता से कराने के लिए जिले की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, पुलिस भी लगातार सोशल मीडिया पर निगरानी रखे हुए है।मंत्री धारीवाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा मेंजानकारी के अनुसार, इन दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा दौरे पर हैं, जहां पर वो कई कार्यक्रमों भी शिरकत कर रहे हैं। ऐसे में धारा-144 का आदेश देना कहीं न कहीं लोगों में भी संशय पैदा करता है। वहीं, धारा-144 को लेकर फिलहाल किसी भी राजनीतिक पार्टी के जिम्मेदारों की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया।
कई बार उड़ी हैं धारा 144 की धज्जियांदअरसल, कोटा जिले में इसके पहले भी कई बार धारा-144 लगाई गई है, जिसमें पूरी तरह से प्रदर्शन, जुलूस, धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगाई गई है। इसके बाद भी कोटा जिले में कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरफ से भीड़ एकत्रित कर प्रदर्शन और जुलूस निकाले गए, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में अब एक बार फिर धारा 144 के आदेश से कितना फर्क जिले पर पडे़गा, ये बडा सवाल है।
जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों द्वारा सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे रोकने के लिए जिले में ये कदम उठाया गया है।
एक जगह एक6ित नहीं हो सकते लोग जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जिले की सीमा में कहीं भी 5 या 5 से अधिक लोग एक साथ इकठ्ठा नहीं हो सकते हैं। इसके साथ ही कोई भी संगठन, संस्था या समुदायिक सभा का आयोजन नहीं होगा और ना ही कहीं भी जुलूस या प्रदर्शन होगा। साथ ही जिले में किसी भी बाहरी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक व्यक्तियों का आगमन बिना प्रशासन की अनुमति नहीं होगा। धारा-144 की पालना कठोरता से कराने के लिए जिले की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, पुलिस भी लगातार सोशल मीडिया पर निगरानी रखे हुए है।मंत्री धारीवाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा मेंजानकारी के अनुसार, इन दिनों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा दौरे पर हैं, जहां पर वो कई कार्यक्रमों भी शिरकत कर रहे हैं। ऐसे में धारा-144 का आदेश देना कहीं न कहीं लोगों में भी संशय पैदा करता है। वहीं, धारा-144 को लेकर फिलहाल किसी भी राजनीतिक पार्टी के जिम्मेदारों की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया।
कई बार उड़ी हैं धारा 144 की धज्जियांदअरसल, कोटा जिले में इसके पहले भी कई बार धारा-144 लगाई गई है, जिसमें पूरी तरह से प्रदर्शन, जुलूस, धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगाई गई है। इसके बाद भी कोटा जिले में कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरफ से भीड़ एकत्रित कर प्रदर्शन और जुलूस निकाले गए, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में अब एक बार फिर धारा 144 के आदेश से कितना फर्क जिले पर पडे़गा, ये बडा सवाल है।