Nitin Gadkari News / सरकार विषकन्या होती है, जिसके साथ जाती है उसको डूबा देती है- नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार पर पूरी तरह निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने सरकार को "विषकन्या" बताया, जो जिसके साथ जाती है, उसे डुबा देती है। उन्होंने सब्सिडी पर भी संदेह जताते हुए, आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।

Vikrant Shekhawat : Sep 30, 2024, 10:20 AM
Nitin Gadkari News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित विदर्भ इकोनॉमिक डेवलपमेंट काउंसिल के "अमेजिंग विदर्भ परिषद" कार्यक्रम में कुछ चौंकाने वाले बयान दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी की सरकार पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता और उद्योगपतियों को सरकार के भरोसे न रहने की सलाह दी। गडकरी ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार "विषकन्या" के समान होती है, जो जिसके साथ जुड़ती है, उसे नुकसान पहुंचा सकती है।

सरकार पर निर्भरता नहीं होनी चाहिए

गडकरी ने उद्योगपतियों और निवेशकों से अपील की कि वे अपनी योजनाओं और व्यापारिक निर्णयों को पूरी तरह सरकार की मदद या सब्सिडी पर निर्भर न रखें। उन्होंने कहा, "सब्सिडी लेनी है तो ले लो, लेकिन यह कब मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।" उन्होंने मजाक में यह भी कहा कि सब्सिडी के लिए "भगवान से प्रार्थना" करनी पड़ सकती है क्योंकि यह अनिश्चित होता है कि सब्सिडी कब और किस मात्रा में मिलेगी।

सब्सिडी की अनिश्चितता

गडकरी ने अपने बेटे के साथ हुए एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि उनके बेटे ने 450 करोड़ रुपये की सब्सिडी की उम्मीद जताई थी, लेकिन गडकरी ने उसे यह कहकर चेताया कि इस पर भरोसा करना गलत हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कई अन्य योजनाओं में सरकार की प्राथमिकताएं बदल सकती हैं, जिससे सब्सिडी मिलने में देरी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने "लाडली बहन योजना" का जिक्र किया, जिसमें सब्सिडी के पैसे अन्य जगहों पर खर्च हो सकते हैं।

विदर्भ में निवेश की कमी पर चिंता

गडकरी ने विदर्भ क्षेत्र में बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों की कमी पर भी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यहां 500 करोड़ या 1000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाले उद्योगपति नहीं मिल रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विदर्भ में कुछ प्रोजेक्ट्स बंद हो गए हैं और कुछ यूनिट्स चालू नहीं हो पाए हैं, जबकि बुटीबोरी जैसे क्षेत्रों में जमीनों का दुरुपयोग हो रहा है। कई लोग जमीनें लेकर बेचते हैं, लेकिन नए उद्योग लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाते।

एमजी हेक्टर कंपनी और इलेक्ट्रिक वाहनों की चर्चा

गडकरी ने सज्जन जिंदल का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने हाल ही में एमजी हेक्टर कंपनी का अधिग्रहण किया है और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने जिंदल से नागपुर में कुछ नया शुरू करने की अपील की, खासकर इलेक्ट्रिक बसें और ट्रक बनाने के लिए। गडकरी का मानना है कि विदर्भ में ऐसे बड़े उद्योगों की स्थापना से क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिल सकती है।

निष्कर्ष

नितिन गडकरी का यह बयान न केवल उद्योगपतियों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संदेश देता है, बल्कि सरकार पर अत्यधिक निर्भरता से बचने की आवश्यकता को भी दर्शाता है। गडकरी का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि उद्योग और व्यवसायों को अपनी योजनाएं स्वतंत्र रूप से बनानी चाहिए और केवल सब्सिडी या सरकारी मदद पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। विदर्भ क्षेत्र में बड़े निवेश की कमी के बावजूद, गडकरी ने विश्वास जताया कि अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो यह क्षेत्र भी आर्थिक उन्नति की राह पर आगे बढ़ सकता है।