जयपुर / चार साल से बड़े बच्चे के लिए हेलमेट अनिवार्य, साथ रखें उम्र का प्रमाण

दुपहिया वाहन पर बैठ कर जाने वाले 4 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी सरकार ने अब हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। इसका प्रावधान केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 की धारा में 129 में कर दिया गया है। नाबालिग वाहन चलाते पकड़े जाने पर पिता को 25 हजार का जुर्माना का भुगतान और 3 महीने की सजा हाे सकती है। एज सर्टिफिकेट में लाेग नगर निगम से जारी प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड और अस्पताल का कार्ड रख सकते हैं।

Dainik Bhaskar : Sep 07, 2019, 12:53 PM
जयपुर. दुपहिया वाहन पर बैठ कर जाने वाले 4 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी सरकार ने अब हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। इसका प्रावधान केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 की धारा में 129 में कर दिया गया है। नाबालिग वाहन चलाते पकड़े जाने पर पिता को 25 हजार का जुर्माना का भुगतान और 3 महीने की सजा हाे सकती है।

बच्चा 4 साल से कम है और हेलमेट नहीं पहना है तो ट्रैफिक पुलिस की उलझन से बचने के लिए लाेग एज सर्टिफिकेट साथ रखे, ताकि पुलिस वालों की जद्दोजहद से बच सके। एज सर्टिफिकेट में लाेग नगर निगम से जारी प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड और अस्पताल का कार्ड रख सकते हैं। इस संबंध में केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी करने बाकी हैं। एक-दाे दिन में नोटिफिकेशन जारी हाेने के बाद यह नियम लागू हाे जाएगा।

बच्चों से जुड़े 3 बड़े प्रावधान

नाबालिग ने गाड़ी चलाई तो अभिभावक को जेल: नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा गया तो अभिभावक और वाहन देने वाले पर 25 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। एक से तीन महीने तक की सजा भी। वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द और 25 उम्र तक नाबालिग का लाइसेंस नहीं बनेगा।

बच्चाें के लिए वाहन में चाइल्ड रिस्ट्रेन सिस्टम: कार की पिछली सीट पर बैठे बच्चों के लिए भी चाइल्ड रिस्ट्रेन सिस्टम जरूरी किया जा रहा है। इसके तहत कार में एक बूस्टर या चाइल्ड सीट होती है जिसमें बिठा कर बच्चों को बेल्ट लगा दिया जाता है।

एडल्ट अकाउंटेबिलिटी: यदि बच्चे अपने अभिभावक, वैन वाला या रिक्शा वाला, जिनके साथ भी जा रहा है, उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी अभिभावक, वैन के ड्राइवर या रिक्शा वाले की होगी।