Vikrant Shekhawat : Oct 17, 2021, 05:38 PM
नई दिल्ली | नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कांग्रेस आलाकमान की गले की हड्डी बनते जा रहे हैं क्योंकि ऐसा लगने लगा है कि सिद्धू के रहते हुए पंजाब कांग्रेस का सियापा खत्म ही नहीं हो सकता। दो-तीन दिन पहले ही राहुल गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा वापस ले लिया था। हालांकि, अब सिद्धू ने सोनिया गांधी को खुली चिट्ठी लिखकर नया बवाल पैदा कर दिया है। सिद्धू ने सोनिया को चिट्ठी लिखकर अब चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाए जाने पर भी सवाल किए हैं और साथ में पंजाब सरकार को 13 मुद्दों पर काम करने के लिए निर्देश देने को भी कहा है। सिद्धू की चिट्ठी से यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी से मिलने के बावजूद उनकी नाराजगी बनी हुई है। सिद्धू ने सोनिया को खुली चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि वह पंजाब सरकार को 13 मुद्दों पर काम करने का निर्देश दें। साथ ही सिद्धू ने इन मुद्दों पर चर्चा के लिए सोनिया से मिलने का समय भी मांगा है। सिद्धू ने चिट्ठी में खुद को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बतात हुए कहा कि उनके पास सरकार पर नजर रखने की जिम्मेदारी है।
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 17, 2021चन्नी की नियुक्ति पर उठाए सवालनवजोत सिंह सिद्धू भले ही यह कहते आए हों कि उन्हें सीएम पद का लालच नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस गाहे-बगाहे वह बयान करते ही रहे हैं। सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर सिद्धू ने कहा है कि पंजाब में एक दलित को सीएम बनाया गया लेकिन राज्य भर के दलित समाज को समान प्रतिनिधित्व नहीं मिला। सिद्धू ने सोनिया से मांग की है कि चन्नी कैबिनेट में मजहबी सिख समाज से एक, पिछड़े समाज से दो और दोआबा इलाके से मंत्री बनाने चाहिए। बता दें कि पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी रामदसिया सिख हैं।बता दें कि पंजाब में विधानसभा चुनावों में अब 6 महीने भी नहीं बचे और कांग्रेस आपसी कलह से ही पार नहीं पा रही। चन्नी सरकार बनने के एक हफ्ते के अंदर ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। सिद्धू राज्य के डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर चन्नी सरकार से खफा थे, जिसको वजह बताते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया। नवजोत सिंह सिद्धू को इसी साल जुलाई में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। दो दिन पहले ही राहुल गांधी से लंबी मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा था कि सबकुछ सुलझ गया है। हालांकि, अब सिद्धू की चिट्ठी से साफ हो गया है कि राहुल गांधी भी उनकी नाराजगी को दूर नहीं कर सके और सिद्धू भी अपने तेवर कम करने के मूड में नहीं हैं।