PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक हालिया बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस का ‘झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें पूरा करना कठिन’ की नीति अब जनता के सामने स्पष्ट हो गई है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार द्वारा ‘शक्ति’ गारंटी पर की गई समीक्षा संबंधी टिप्पणी के बाद, खरगे ने अपनी पार्टी की राज्य सरकार के नीतिगत निर्णयों पर टिप्पणी की थी। प्रधानमंत्री ने इस बयान के माध्यम से कांग्रेस पर कई आरोप लगाते हुए उनकी नीतियों और घोषणाओं को लेकर तंज कसा।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज
प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस लगातार जनता से ऐसे वादे करती है जिन्हें पूरा करना उनके बस में नहीं होता। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की राजनीतिक घोषणाएं और गारंटियां केवल जनता को भ्रमित करने का एक तरीका हैं। उन्होंने कई राज्यों में ऐसी योजनाओं का वादा किया, लेकिन उन वादों का कार्यान्वयन या तो असंभव हो गया है या आधा-अधूरा है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है।"मोदी ने उदाहरण स्वरूप कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश का जिक्र किया, जहां कांग्रेस सरकारों की नीतियों और आर्थिक योजनाओं पर सवाल उठ रहे हैं। पीएम के अनुसार, इन राज्यों में विकास की गति धीमी हो गई है, और सरकारी योजनाओं की स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इन वादों की वजह से गरीब, युवा, किसान और महिलाएं प्रभावित हो रही हैं क्योंकि उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा नहीं किया जा रहा है।
‘शक्ति’ योजना पर कांग्रेस में मतभेद
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा देने वाली ‘शक्ति’ योजना पर उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि कुछ महिलाएं भुगतान करने की इच्छा रखती हैं, इसलिए योजना की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद, मल्लिकार्जुन खरगे ने हल्के-फुल्के अंदाज में शिवकुमार पर तंज कसा। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि शिवकुमार का मतलब केवल योजना की समीक्षा से था, न कि इसे खत्म करने से।खरगे ने शिवकुमार के बयान को लेकर कहा कि इससे बीजेपी को मुद्दा बनाने का मौका मिल गया है। खरगे ने शिवकुमार को संबोधित करते हुए कहा कि "आपके बयान ने विपक्ष को हम पर हमला करने का अवसर दिया है।"
बीजेपी का पलटवार
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खरगे के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने पहली बार खुलकर यह स्वीकार किया है कि उनकी चुनावी घोषणाएं महज जनता को भ्रमित करने के लिए होती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों में कोई स्पष्टता और स्थायित्व नहीं है, जिससे जनता के प्रति उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
निष्कर्ष
खरगे और शिवकुमार के बयानों पर विवाद के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस की चुनावी गारंटियों को लेकर न केवल जनता बल्कि विपक्षी दल भी सवाल उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगाए गए आरोप और बीजेपी नेताओं का कांग्रेस पर पलटवार आगामी चुनावों में दोनों दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का संकेत देता है।