CM Omar Abdullah News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कांग्रेस पार्टी और भाजपा, दोनों पर निशाना साधते हुए कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी। कांग्रेस को ईवीएम पर बार-बार सवाल उठाने से रोकने की सलाह देते हुए उन्होंने भाजपा पर परिवारवाद को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस को ईवीएम विवाद पर सीख
उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी को ईवीएम पर सवाल उठाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम को सम्मानपूर्वक स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा,
"जब इसी ईवीएम के जरिए आपके 100 से अधिक सांसद संसद पहुंचते हैं और आप जीत का जश्न मनाते हैं, तो कुछ महीनों बाद आप इसे खारिज नहीं कर सकते क्योंकि परिणाम आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे।"हाल के राज्यों के चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे। उमर का यह बयान कांग्रेस के लिए एक सख्त संदेश है कि चुनाव प्रक्रिया को सवालों के घेरे में लाना जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
परिवारवाद पर भाजपा को करारा जवाब
परिवारवाद के मुद्दे पर भाजपा द्वारा बार-बार आलोचना किए जाने पर उमर अब्दुल्ला ने इसे पाखंड करार दिया। उन्होंने कहा कि
"राजनीतिक परिवार से जुड़ा होना आजीवन सफलता की गारंटी नहीं है। भाजपा को अपने सहयोगी दलों के परिवारवाद पर कोई आपत्ति नहीं होती, लेकिन विपक्षी पार्टियों पर यह आरोप लगाने में उसे कोई हिचकिचाहट नहीं है।"उन्होंने यह भी कहा कि परिवार से जुड़े होने का मतलब यह नहीं है कि हर किसी को तश्तरी में सजाकर सफलता दी जाएगी। उनका मानना है कि किसी भी राजनीतिक नेता को अपनी जगह खुद बनानी होगी।
अपने बेटों के भविष्य पर बात
अपने बेटों, जमीर और जहीर, को लेकर उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि वे वकील के रूप में अपने करियर में जुटे हैं। हालांकि, उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पिता का समर्थन किया था। उन्होंने कहा,
"अगर मेरे बेटों को राजनीति में आना है, तो उन्हें अपनी जगह खुद बनानी होगी। उन्हें किसी चीज़ की गारंटी नहीं दी जाएगी।"उमर के इस बयान से साफ होता है कि वह पारिवारिक राजनीति की आलोचना के बावजूद परिवार के सदस्यों को राजनीति में प्रवेश करने से रोकने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन इसे व्यक्तिगत मेहनत और काबिलियत पर आधारित मानते हैं।
भाजपा पर तीखा हमला
उमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर परिवारवाद की राजनीति को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह केवल उनकी राजनीतिक सुविधा का हिस्सा है। उन्होंने कहा,
"भाजपा केवल उन राजनीतिक दलों को निशाना बनाती है जो उनके खिलाफ हैं। लेकिन, अपने सहयोगी दलों के परिवारवाद को लेकर वह पूरी तरह चुप रहती है। यह उनकी राजनीति का पाखंड दर्शाता है।"निष्कर्ष
उमर अब्दुल्ला के इस बयान ने एक बार फिर परिवारवाद और चुनावी प्रक्रिया को लेकर बहस छेड़ दी है। जहां उन्होंने कांग्रेस को ईवीएम विवाद पर आत्मविश्लेषण की सलाह दी, वहीं भाजपा की परिवारवाद के खिलाफ बयानबाजी को राजनीतिक लाभ का साधन बताया। यह बयान उमर अब्दुल्ला के स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने राजनीति के जमीनी मुद्दों और पाखंडों को सामने रखा है।