Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 फरवरी को प्रस्तावित प्रयागराज दौरा रद्द होने की संभावना है, हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह दौरा महाकुंभ के महत्वपूर्ण स्नानों के मद्देनजर रखा गया था। महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी को हुआ था, और इसका पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर संपन्न हुआ था।
महाकुंभ के प्रमुख स्नान:
महाकुंभ में कुल पांच अमृत स्नान होते हैं, जिनमें से दो स्नान हो चुके हैं। दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन हुआ था। अब तीन प्रमुख स्नान शेष हैं:
- बसंत पंचमी (8 फरवरी) – ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:23 से 6:16 तक।
- माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) – ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 से 6:10 तक।
- महाशिवरात्रि (26 फरवरी) – ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:09 से 5:59 तक।
भगदड़ से हुई त्रासदी:
मौनी अमावस्या के दिन हुए शाही स्नान के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिससे 30 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रशासनिक चूक और अव्यवस्था के कारण यह हादसा हुआ।
चश्मदीदों की गवाही:
हादसे के बाद कई चश्मदीदों ने स्थिति का वर्णन किया। विवेक दुबे और राहुल मिश्रा के अनुसार, रात 12 बजे घोषणा हुई कि अमृत स्नान का समय आ गया है। संगम द्वार के बाहर लाखों श्रद्धालु विश्राम कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें उठाकर स्नान के लिए प्रेरित किया।
राहुल मिश्रा ने बताया कि पुलिस हूटर बजाकर लोगों को उठाने लगी और उन्हें स्नान के लिए भेजने लगी। इससे भारी संख्या में श्रद्धालु संगम नोज की ओर बढ़ने लगे। स्नान के लिए आने और वहां सो रहे लोगों की भीड़ एक साथ मिल गई, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस की प्राथमिकता अखाड़ों के स्नान पर थी, जिससे सामान्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
सरकार इस हादसे की जांच कर रही है, जबकि विपक्ष ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। आगामी स्नानों को लेकर सुरक्षा बढ़ाने और भीड़ प्रबंधन की रणनीति को और सख्त करने पर विचार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन इस बीच महाकुंभ का आयोजन और शेष स्नानों की तैयारियां जारी हैं।