Sri Vijaya Puram / पोर्ट ब्लेयर का नाम बदला, गृह मंत्री अमित शाह ने किया ऐलान

केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ रखने का निर्णय लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर इस बदलाव की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति के संकल्प को दर्शाता है।

Vikrant Shekhawat : Sep 13, 2024, 08:29 PM
Sri Vijaya Puram: केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब से, यह शहर 'श्री विजयपुरम' के नाम से जाना जाएगा। इस परिवर्तन की घोषणा गृह मंत्री अमित शाह ने की है, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस संबंध में जानकारी साझा की।

ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा

गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, "देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का फैसला लिया है। ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।" इस घोषणा ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीकों और ऐतिहासिक धरोहर को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

स्वाधीनता संघर्ष का प्रतीक

अमित शाह ने आगे लिखा, "इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है।" पोर्ट ब्लेयर, जिसे अब 'श्री विजयपुरम' कहा जाएगा, का इतिहास स्वाधीनता संग्राम से गहराई से जुड़ा हुआ है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता सेनानियों का कनेक्शन

गृह मंत्री ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने का स्थान रहा है। इसके साथ ही, सेलुलर जेल में वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष की गाथाएं भी यहीं लिखी गईं।

नाम बदलने की परंपरा

भारत में नाम बदलने की परंपरा नई नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों और ऐतिहासिक घटनाओं के सम्मान में कई शहरों और स्थानों के नाम बदले गए हैं। 'श्री विजयपुरम' का नाम भी उसी परंपरा का हिस्सा है, जो स्वाधीनता संग्राम के अमर नायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों को पुनः मान्यता देने का प्रयास करता है।

समाज पर प्रभाव

पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने से न केवल अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान में एक नया अध्याय जुड़ेगा, बल्कि यह स्थानीय लोगों और पूरे देश के लिए गर्व और सम्मान का कारण भी बनेगा। यह कदम ऐतिहासिक महत्व को पुनः उजागर करने और स्वाधीनता के संघर्ष के प्रतीकों को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

भविष्य की दिशा

'श्री विजयपुरम' के नाम से पहचान बनने के बाद, यह द्वीप राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर नई पहचान के साथ उभरेगा। यह नाम न केवल स्वतंत्रता संघर्ष की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वाधीनता की महिमा से अवगत कराएगा।

केंद्र सरकार का यह निर्णय भारतीय इतिहास के प्रतीकों को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर को सम्मान देने का प्रतीक है।