Vikrant Shekhawat : Apr 30, 2024, 08:05 AM
Rajasthan News: बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ बालोतरा के पचपदरा थाने में मामला दर्ज हुआ है। सोमवार देर शाम पचपदरा सीआई अमराराम खोखर ने भाटी और 32 नामजद लोगों के खिलाफ धारा-144 का उल्लंघन, राजकार्य में बाधा और हाईवे जाम करने का प्रकरण दर्ज कराया है। मामले की जांच सीआईडी-सीबी करेगी। 27 अप्रैल को भाटी ने समर्थकों के साथ बालोतरा में एसपी ऑफिस के बाहर 4 घंटे धरना दिया था।दरअसल, भाटी ने 26 अप्रैल को राजस्थान में हुए लोकसभा के दूसरे चरण के मतदान में समर्थकों से मारपीट का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि बायतु में कई घटनाएं हुई थीं, उनके समर्थकों को पीटा।कई अप्रवासी भारतीयों को वोट देने से रोका गया था। मामले में कार्रवाई को लेकर भाटी ने 27 अप्रैल को बालोतरा एसपी ऑफिस के बाहर धरना दिया था।इस दौरान भाटी ने कहा कि शुक्रवार को षड्यंत्र हुआ था। 100 बूथों पर फर्जी वोटिंग हुई और प्रशासन की मिलीभगत रही। इस दौरान मतदान को प्रभावित किया गया।थानाधिकारी अमराराम खोखर ने बताया कि 27 अप्रैल को हुई घटना को लेकर पचपदरा थाने में मामला दर्ज किया है। जांच सीआईडी और सीबी को दी गई है।इन पर मामला दर्जथाने में रविंद्र सिंह भाटी, हिन्दू सिंह, सौरभ सिंह, घनश्याम सिंह, नरपत सिंह, रहिशदान,राजेंद्र जैन,राणीदान, अमरसिंह, पीरसिंह,कपिल खटीक, प्रकाश दान, महेश प्रजापत, माधु सिंह,सवाई सिंह, रामसिंह, मिलन सिंह खारवाल, मगन सिंह, बन्टी राजपूत, विक्रम सिंह,जसू,राजू खारवाल, नेमीचंद, लक्ष्मण सिंह, त्रिलोक सैन, नितेश, दौलत सिंह, चिंटू युगल सिंह, जेपी, राहुल सहित कई लोगों पर मामला दर्ज हुआ है।रविंद्र सिंह भाटी कौन हैं?रविंद्र सिंह भाटी जब अपने कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान वो छात्र राजनीति में एक्टिव हो गए। रविंद्र सिंह भाटी जोधपुर स्थित जय नारायण विश्वविद्यालय यानी जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। साल 2019 में भाटी चाहते थे कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से चुनावी टिकट दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में भाटी ने साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और 1294 वोटों से जीत गए। जोधपुर यूनिवर्सिटी में 57 साल बाद ऐसा देखने को मिला जब किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने छात्रसंघ का चुनाव जीता। बता दें कि बिना किसी राजनीतिक सहारे भाटी ने अपना नाम छात्र संघ में बनाया। छात्रों, युवाओं और सोशल मीडिया पर बेहद चर्चित रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। भाटी को बड़े स्तर पर भाजपा में शामिल कराया गया। लेकिन मात्र 9 दिन में ही उन्होंने भाजपा से बगावत कर दी। दरअसल जब भाटी ने भाजपा को ज्वाइन किया, तब यह तय माना जा रहा था कि उन्हें ही भाजपा टिकट देगी और शिव विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाएगी। हालांकि पार्टी की अंदरूनी राजनीति के कारण रविंद्र सिंह भाटी को चुनाव का टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया। रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक गांव दुधौड़ा से आते हैं। दुधौड़ा गांव भारत और पाकिस्तान के बॉर्ड से सटे शिव विधानसभा क्षेत्र में है। शिव विधानसभा क्षेत्र और पाकिस्तान में स्थित राजपूत समाज के गांवों में रोटी-बेटी का संबंध है। इसलिए रविंद्र सिंह भाटी की चर्चा पाकिस्तान के उन गांवों में भी होती है और वो भी कहते हैं कि भाटी को चुनाव जीतना चाहिए। भाटी ने राजस्थानी भाषा में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।