Vikrant Shekhawat : May 04, 2023, 10:26 AM
NCP Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रहे शरद पवार के इस्तीफे को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर एनसीपी के नेता अजित पवार पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि जो लोग आज पैरों पर गिरे नजर आ रहे हैं, वहीं कल को पैर खींचने वाले थे. लेकिन शरद पवार ने इन सबका मुखौटा खींच कर निकाल दिया है. इस प्रकार शरद पवार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राजनीति के भीष्म तो वही है.इसी के साथ शरद पवार ने यह भी बता दिया है कि वह सरशैया पर बेवश भीष्म नहीं है, बल्कि इस पूरे घटनाक्रम के सूत्रधार हैं. सामना में छपे अपने संपादकीय में संजय राउत ने लिखा है कि शरद पवार ने इस्तीफा देकर सभी की पोल खोल दी है. इससे बादल और हवा स्वच्छ हो गई है. उन्होंने कहा कि जब शरद पवार ने इस्तीफा दिया, उससे पहले उन्होंने अपना लिखित भाषण पढ़ा था. मतलब वह भाषण पहले से लिख कर लाए थे. इसका यह भी मतलब कि सबकुछ वह पहले से ही तय कर के आए थे.उनके इस्तीफे के बाद कई नेता रोने धोने लगे. नत मस्तक हो गए, बोले कि आपके बिना हम कौन या हम कैसे. लेकिन हकीकत तो यह है कि कई नेताओं के आज भी एक पैर बीजेपी में हैं. संजय राउत के मुताबिक शरद पवार ने बहुत सोच समझ कर इस्तीफा दिया है. उन्होंने पहले ही सोच लिया था कि पार्टी को टूटने से रोकने के बजाय खुद ही सम्मानजनक विदाई ले ली जाए.उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित भूचाल का पहले ही आकलन कर लिया था, इसलिए पहले ही इस्तीफा देकर उन्होंने एक नई हलचल पैदा कर दी. उन्होंने कहा कि एक तरफ एनसीपी के कई नेताओं केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में बेचैनी है. खुद भतीजे अजित पवार का भी झुकाव बीजेपी की ओर है. ऐसे में इन सभी को रोकने के लिए पवार ने यह बड़ा दाव खेला है. राउत ने लिखा है कि शिवसेना टूटने के बाद जिस तरह संगठन उद्धव के साथ है, ठीक उसी तरह एनसीपी टूटने की स्थिति में पार्टी और जनमानस को समझने का यह एक प्रयोग हो सकता है.कहा कि अजित पवार कहते हैं कि सहमति से दूसरा अध्यक्ष चुनेंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ये दूसरा अध्यक्ष कौन है? दरअसल अजित पवार का मकसद राज्य का मुख्यमंत्री बनना है. उन्होंने इसी लेख में सुप्रिया सुले को सलाह दी कि मौका मिले तो उन्हें भी कोशिश करनी चाहिए.