Vikrant Shekhawat : Jul 05, 2023, 06:01 PM
Maharashtra Politics: अजित पवार ने आज शरद पवार पर जम कर हमला बोला. मुंबई के एमईटी सेंटर में एनसीपी में अपने गुट के समर्थक विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब बीजेपी के साथ सरकार बनानी नहीं थी तो मुझे सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस के साथ मीटिंग में हिस्सा लेने क्यों भेज रहे थे. दो साल पहले शिवसेना के साथ सरकार बनाने के मुद्दे पर आपको वह सांप्रदायिक पार्टी नजर आ रही थी और दो साल बाद वो आपको सांप्रदायिक नजर नहीं आई?अजित पवार ने शरद पवार से सवाल करते हुए कहा कि 1978 में जब आप 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे तब आपको यह खयाल नहीं था कि जनता पार्टी में जनसंघ भी शामिल है? अजित पवार ने विलासराव देशमुख के वक्त की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के वक्त का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार एनसीपी के कांग्रेस से दो विधायक ज्यादा चुन कर आए थे. सोनिया गांधी ने भी यह कह दिया था कि इस बार एनसीपी का मुख्यमंत्री बनेगा. लेकिन आपने एनसीपी का मुख्यमंत्री बनाना क्यों कबूल नहीं किया? आपने ज्यादा मंत्री पद मांग कर संतोष कर लिया? हर नेता अपनी पार्टी का विस्तार चाहता है. उस वक्त अगर एनसीपी का सीएम बन जाता तो आज कहानी और होती. ये रहे अजित पवार के शरद पवार पर 10 वार.अजित पवार ने जो बड़ा कदम उठाया, उसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) दो धड़ों में बंट गई है. बुधवार को मुंबई में एनसीपी के भविष्य के लिहाज से अहम बैठक हुई, शरद पवार गुट और अजित पवार गुट ने अपने-अपने समर्थकों के साथ मंथन किया. अजित पवार ने एक तरफ शरद पवार से रिटायर होने की बात कही तो शरद पवार अभी भी लड़ाई लड़ने की हुंकार भर रहे हैं. दोनों धड़ों की बैठक में क्या हुआ, समझिए…संख्याबल में चाचा पर भारी पड़ा भतीजा!एनसीपी के दोनों गुटों की बैठक संख्याबल के हिसाब से काफी अहम रही. अजित पवार के साथ कुल 32 विधायक दिखे, जिनमें 30 एमएलए उनकी बैठक में शामिल हुए जबकि 2 विदेश में रहे. अजित पवार ने इनसे अलग भी कुछ विधायकों के समर्थन की बात कही है. वहीं, दूसरी ओर शरद पवार की बैठक में करीब एक दर्जन ही विधायक पहुंच पाए, यानी संख्याबल के मामले में अभी अजित पवार अपने चाचा से आगे निकलते दिख रहे हैं.अजित का छलका दर्द, साहेब रिटायर होकर आशीर्वाद देंसमर्थकों के साथ हुई बैठक में अजित पवार ने खुलकर अपने दिल की बात कही. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि बिना पद के कोई काम नहीं होता है, जनता के लिए काम पद के साथ ही होता है. भाजपा के साथ जाने पर उठ रहे सवालों को लेकर भी अजित पवार ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब हम शिवसेना के साथ जा सकते हैं, तो भाजपा के साथ जाने में दिक्कत क्या है.अजित पवार ने यहां चाचा शरद पवार को लेकर भी कई बातें कहीं. शरद पवार बोले कि आप 80 के पार हो चुके हैं, अब आपको रुकना चाहिए और हमें आशीर्वाद देना चाहिए. हम आपके घर पैदा नहीं हुए हैं तो हमारी क्या गलती है, हम सिर्फ पार्टी को आगे बढ़ाना चाहते हैं. पहले हम राष्ट्रीय पार्टी थे, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. आपने सुप्रिया सुले को अध्यक्ष बनाने की बात कही, हमने वो भी मान ली थी.उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यहां एक सीक्रेट मीटिंग का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि 2019 में महाराष्ट्र के एक बड़े उद्योगपति के घर शरद पवार और देवेंद्र फडणवीस की बैठक हुई थी, तब साहेब को बीजेपी के साथ जाने में दिक्कत नहीं थी. लेकिन अब पार्टी को बढ़ाने के लिए हमने यह फैसला लिया है तो दिक्कत क्या है. अजित पवार ने अपने संबोधन में समर्थकों को आश्वासन दिया कि जल्द ही पार्टी का सिंबल, नाम हमारे साथ होगा. वह भी पूरे राज्य का दौरा करेंगे.अजित पवार ने चुन-चुन कर किए शरद पवार पर 10 वार
- मैं झूठ नहीं बोलूंगा. अगर झूठ बोला तो पवार की औलाद नहीं. अगर बीजेपी के साथ आपको नहीं जाना था मुझे बीजेपी के साथ मीटिंग के लिए क्यों भेजा? 2019 में बीजेपी के साथ 5 बैठकें हुईं. आपकी सहमति से हुईं.
- पिछले कई सालों से आप राजनीति कर रहे हैं. अब आपकी उम्र 80 साल से ज्यादा हुआ. अब नया नेतृत्व तैयार होना चाहिए. आप कभी आराम करेंगे या नहीं?
- बार-बार फैसले आपने किए विलेन मुझे बनाया गया क्यों? मैंने आलोचनाएं सुनीं, अपमान सहा.लेकिन अब मैं विलेन बनने वाला नहीं हूं.
- साल 2014 में वानखेड़े स्टेडियम में आपने देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण सामारोह में मुझे जाने को कहा. अगर आपको उनका साथ कबूल नहीं था तो मुझे भेजा क्यों?
- 2017 में भी ऐसा ही हुआ. वर्षा बंगले (सीएम हाउस) में बैठकें हुईं. एनसीपी की तरफ से मैं, जयंत पाटील, सुनिल तटकरे और छगन भुजबल गए. बीजेपी की ओर से सुधीर मुनगंटीवार, देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील, चंद्रशेखर बावनकुले मौजूद थे. तब बीजेपी की ओर से कहा गया कि शिवसेना और उनका 25 सालों का साथ है. वे शिवसेना का साथ नहीं छोड़ेंगे. इसके बाद हमें कहा गया कि बाहर इस मीटिंग को लेकर कुछ नहीं कहना है.
- महाराष्ट्र देश भर में सभी स्तर पर पहले नंबर पर आए, यह मेरी इच्छा है. और इसके लिए मैं काम कर सकूं इसलिए बड़े पद हासिल करने की तमन्ना है. मैं साफ बोलने वाला शख्स हूं. हम किसी से कम हैं क्या? मुझे चार बार उप मुख्यमंत्री किया गया. पांचवी बार अब फिर मैं उप मुख्यमंत्री बना हूं. मुझे भी बड़े पद की उम्मीद है. क्या कमी है मुझमें?
- हम सबकी इच्छा थी कि हमें आगे बढ़ना चाहिए. बीजेपी के साथ 2014 में नितिन गडकरी चाह रहे थे कि एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी 16-16-16 सीटों पर लड़े. लेकिन आपने उसे अस्वीकार कर दिया?
- इस्तीफा वापस लेना था तो दिया क्यों? मुझे आपने कहा कि मैं इस्तीफा देना चाहता हूं. सही वक्त देख रहा हूं. एक कमेटी बनाऊंगा. उसमें तुम सब प्रमुख लोग बैठ कर फैसला करो. उस मीटिंग में तुमलोग मिलकर सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाओ. मैं तैयार हो गया. लेकिन फिर दो दिनों में क्या हुआ, पता नहीं कि आपने इस्तीफा वापस लिया. जब वापस ही लेना था तो इस्तीफा दिया क्यों?
- एनसीपी के विधायकों को बुलाया जा रहा है.अगर वे मिलने नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें फोन किया जाता है और जज्बाती बातें कही जाती हैं. एक विधायक ने कहा कि उसे कहा गया कि वहां क्यों जा रहे हो. इलेक्शन में देख लेने की धमकी दी जाती है.क्यों? अब तक तो उन्होंने साथ दिया है न आपका.
- आज पीएम नरेंद्र मोदी का करिश्मा देश भर में है. 2014 के चुनाव में सिर्फ इस एक चेहरे पर बीजेपी कश्मीर से कन्याकुमारी तक सत्ता में आई. 2019 में उन्हें निर्विवाद बहुमत मिला. आज उनका विकल्प कहां है? विपक्ष बिखरा हुआ है. पार्टी का विकास नहीं देखूं? महाराष्ट्र का विकास नहीं देखूं?